जो इंसान एक बार जगजीत सिंह(Jagjit Singh) की गजल सुन ले वह उनकी जुबां पर ही रह जाती है। गजलों के सम्राट जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को हुआ था। उनकी गजलें सभी को पसंद हैं। फिर चाहे वो 'चिठ्ठी ना कोई संदेश' हो या 'होठों से छू लो तुम'। सभी उनकी आवाज सुनकर उनके दीवाने हो जाते हैं। जगजीत सिंह ने कई फिल्मों में भी गाने गाए हैं मगर उसके बाद वह गजल ही गाया करते थे।
जगजीत सिंह का जन्म राजस्थान के बीकानेर में हुआ था। उनका नाम जगजीवन सिंह था। जगजीत सिंह ने पढ़ाई के साथ क्लासिकल गाना भी सीखा है। उनके पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने जालंधर के ऑल इंडिया रेडियो में सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर की तरह काम कर करना शुरु कर दिया था।
जगजीत सिंह बिना किसी को बताए मुंबई स्ट्रगल करने आ गए थे। जहां उनकी मुलाकात चित्रा दत्ता से हुई। 1969 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। दोनों स्टार्स ने साथ में कई गाने भी गाए हैं। मगर 18 साल की उम्र में बेटे विवेक की मौत के बाद चित्रा ने गाना बंद कर दिया था।
जगजीत सिंह को 2003 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। 2011 में उन्होंने गुलाम अली के साथ यूके में गाना भी गाया था। मगर तबीयत सही नहीं रहने की वजह से 10 अक्टूबर 2011 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
वह हमारे बीच नहीं हैं मगर उनकी गज़लें आज भी लोगों के दिल में अपनी जगह बनाए हुई हैं। तो आइए आपको जगजीत सिंह की कुछ खास गज़लों के बारे में बताते हैं।
कोई फरियाद
होठों से छू लो तुम
चिठ्ठी ना कोई संदेश
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
होशवालों को खबर कहां
हजारों ख्वाहिशें ऐसी