मुंबई: बॉलीवुड की मशहूर पार्श्व गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) 28 सितंबर को अपना 90वां जन्मदिन मना रही हैं। 28 सितंबर 1929 में इंदौर में जन्मी लता ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने साथ मिलकर सैकड़ों सुपरहिट गाने गाए हैं। 60 के दशक में रफी साहब का लता मंगेश्कर से विवाद भी काफी सुर्खियों में था दोनों की जोड़ी डुएल गीतों में सबसे ज्यादा सराही गई, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि पूरे चार साल तक दोनों ने एक दूसरे से दूरी बना रखी थी? आखिर ऐसा क्या हो गया जो बात यहां तक पहुंच गई थी? आखिर रफी साहब ने लता के साथ गाना क्यों बंद कर दिया था?
इसकी वजह थी गानों को लेकर मिलने वाली गायकों की रॉयल्टी। लता जी चाहती थीं, म्यूजिक डाइरेक्टर्स की तरह सिंगर्स को भी गानों की रॉयल्टी में हिस्सा मिलना चाहिए। जबकि रफी साहब की राय लता जी से इत्तेफाक नहीं रखते थे। रफी साहब का मानना था कि गायक को जब एक गीत के लिए जब मेहनताना मिल जाता है फिर रॉयल्टी में उसका कोई हक नहीं बनता।
1961 में फिल्म माया के गीत की रिकार्डिंग के दौरान लता और रफी के मतभेद सामने आए। रिकार्डिंग के बाद जब लता जी ने रफी साहब से उनकी राय पूछी, तो उन्होंने साफ मना कर दिया। तब लता जी ने उसी स्टूडियो में ऐलान किया- आगे से मैं रफी साहब के साथ कोई गीत नहीं गाऊंगी। लता जी नाराज होकर चली गईं। तब रफी साहब मुस्कराकर रह गए थे, जैसे उन्हें यकीन था- सुरों का रिश्ता यूं झटके में नहीं टूटा करता। कहते हैं कि पूरे 4 साल बाद नरगिस की कोशिशों से उनमें पैचअप हुआ।
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