नई दिल्ली: बिहार सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मामले में पटना पुलिस द्वारा जांच में बाधा डाल रही है और मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नहीं सौंपा गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिया चक्रवर्ती की दायर याचिका पर बिहार सरकार से जवाब मांगने के बाद हलफनामा दायर किया गया है। गौरतलब है कि रिया ने अपनी याचिका में जांच पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की है। दिवंगत अभिनेता के पिता ने रिया और कई अन्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए मामला दायर किया था।
एफिडेविट में कहा गया है, मुंबई पुलिस द्वारा पटना पुलिस के साथ असहयोग यही तथ्य स्पष्ट करता है कि मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह का दस्तावेज जैसे इंक्वेस्ट रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट सीसीटीवी फुटेज आदि कई बार अनुरोधों के बावजूद पटना पुलिस को नहीं सौंपा है।
आखिरकार रिया चक्रवर्ती आईं सामने, सुशांत सिंह राजपूत की बहन ने दिया ऐसा रिएक्शन
बिहार सरकार ने कहा कि कृष्ण किशोर सिंह ने अपने युवा बेटे को खो दिया। इसलिए, पटना पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करने का अधिकार क्षेत्र है और पटना में कोर्ट के पास अधिकार है कि वह राजीव नगर पीएस (पटना) के साथ दर्ज एफआईआर में उल्लिखित अपराधी से पूछताछ करने की कोशिश करे।
एफिडेविट में आगे कहा गया है मुंबई पुलिस से समर्थन के बिना, एसआईटी के सदस्यों ने जांच की जिसमें विभिन्न गवाहों की जांच की गई और मृतक अभिनेता के कोटक बैंक खाते के विवरण का परीक्षण किया गया है, जिसके संबंध में एफआईआर में उल्लेख किया गया है।
रिया चक्रवर्ती की कॉल डिटेल्स आई सामने, सुशांत की बहन, पिता और महेश भट्ट से हुई थी बात
राज्य सरकार ने कहा कि वर्तमान मामले में, पटना पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है और एक ऐसे ही मामले, जिसमें ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश (2014) था, उसमें भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की पीठ ने कानून के तहत मामले में जांच करने की अनुमति दी थी।
एफिडेविट में आगे कहा गया है, याचिकाकर्ता का यह कहना कि पूरी घटना मुंबई में हुई है और बिहार राज्य के पास एफआईआर दर्ज करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, यह बात सीआरपीसी के धारा 179 तहत शामिल प्रावधानों के मद्देनजर खारिज किया जा सकता है।