गायक, गीतकार भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। भूपेन हज़ारिका के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और नानाजी देशमुख को भी यह सम्मान दिया गया।
भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है। उनका जन्म 8 सितंबर 1926 को हुआ था। 5 नवंबर 2011 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। गायक-गीतकार के अलावा वह कवि, संगीतकार और फिल्मकार भी थे। उन्हें देश के कई प्रसिद्ध सम्मान जैसे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण और संगीत-नाटक अकादमी रत्न पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
भूपेन हज़ारिका असम के थे। ऐसा कम ही हुआ है कि पूर्वोत्तर भारत से निकलने वाला कोई गायक पूरे हिन्दीभाषी समाज में आकर छा जाए। भूपेन हज़ारिका को इस मामले में अपवाद ही कहा जा सकता है। उनका गाना ‘दिल हूम हूम करे’ आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा असम में हुई थी। उसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीए और एमए किया था। इसके बाद वह जनसंचार में पीएचडी करने कोलंबिया यूनिवर्सिटी चले गए थे।
अमेरिका में रहने के दौरान भूपेन हज़ारिका जाने-माने अश्वेत गायक पॉल रोबसन के संपर्क में आए। उनके गाने ‘ओल्ड मैन रिवर’ को हिंदी में ‘ओ गंगा बहती हो’ का रूप दिया गया।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई थी, जिनसे उन्होंने 1950 में शादी की थी। उनके बेटे तेज़ हज़ारिका का जन्म 1952 में हुआ था। 1953 में भूपेन हज़ारिका भारत लौट आए थे।
वह साल 1967-72 के बीच विधायक और 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे।
भूपेन हज़ारिका ने असमिया और बंगाली भाषाओं में गाने लिखे और गाए हैं।
सुनें उनके टॉप बंगाली हिट गानें...