अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि एक कलाकार के रूप में उनका उद्देश्य लोगों को लगातार यह बताना है कि वे खुद को या दूसरों को स्टीरियोटाइप न समझें। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म 'ड्रीम गर्ल' का उद्देश्य यही था। जिसकी रिलीज के आज अपने दो साल पूरे हो गए है।
आयुष्मान ने कहा कि जानबूझकर या अनजाने में हम लगातार अपने आस-पास की हर चीज को स्टीरियोटाइप करने के लिए बाध्य होते हैं। कभी-कभी, हमें यह भी पता नहीं होता है कि हम या तो स्टीरियोटाइप हो रहे हैं या दूसरों को स्टीरियोटाइप कर रहे हैं।
फिल्म के माध्यम से इस महत्वपूर्ण संदेश को व्यक्त करने की कोशिश करने के लिए स्टार ने अपने निर्देशक राज शांडिल्य और उनकी निमार्ता एकता कपूर को श्रेय दिया।
अभिनेता ने कहा कि मुझे 'ड्रीम गर्ल' की स्क्रिप्ट पसंद आई क्योंकि इसने हमें खुद को स्टीरियोटाइप नहीं करने के लिए कहा था। इसने हमें बताया कि जब हम इस चक्र को तोड़ते हैं, तो हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने पूजा बनने का फैसला किया तो मेरे किरदार करमवीर ने खुद को रूढ़िबद्धता से अलग कर दिया। मेरे लिए, यह एक ताजा और विघटनकारी विचार था । मैं लगातार ऐसे विषयों की तलाश में रहता हूं, जो अलग हों, और दर्शकों को एक संदेश देते हों।
आयुष्मान ने खुलासा किया कि अगर वह रूढ़ियों को तोड़ने के मिशन पर बने रहे तो एक अभिनेता के रूप में उन्हें संतुष्टि मिलेगी।
आयुष्मान को फिलहाल अपनी तीन फिल्में 'अनेक', 'चंडीगढ़ करे आशिकी' और 'डॉक्टर जी' की रिलीज का इंतजार है।
(इनपुट-आईएएनएस)