नई दिल्ली: बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा आशा पारेख आज 75 साल की हो चुकी हैं। अब बेशक वह अभिनय जगत से दूरियां बना चुकी हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वह एक से एक सुपरहिट फिल्में दिया करती थीं। आशा पारे उन हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के तौर पर की थी। आशा ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने फिल्म 'आसमान' और 'बाप बेटी' में काम किया है। लेकिन इसी इंडस्ट्री में अपने करियर को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बड़े होने के बाद काम की तलाश करनी शुरु की। उन्होंने भी अपने करियर के शुरुआती दिनों में काफी कठिनाईयों का सामना किया, इसके बाद उन्हें फिल्मकार विजय भट्ट की फिल्म 'गूंज उठी शहनाई' में मुख्य अदाकारा के रूप में देखा गया।
फिल्म की शूटिंग भी शुरु हो गई। लेकिन सिर्फ 1 या 2 दिन काम करने के बाद विजय भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म से यह कहते हुए निकाल दिया कि, वो हिरोइन बनने के लायक ही नहीं हैं। हालांकि इसके बाद भी आशा ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार वर्ष 1959 में नासिर खान ने उन्हें अपनी फिल्म ‘दिल देके देखों’ के लिए साइन किया। इस फिल्म में आशा के साथ शम्मी कपूर नजर आए, फिल्म हिट साबित हुई। इसके बाद आशा पारेख ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह आगे बढ़ती रहीं। उन्हें अपने शानदार फिल्मी सफर में नाम, दौलत, रुतबा, फैंस का प्यार और खूब सम्मान तो मिला लेकिन उनकी जिंदगी में ऐसा कोई खास शख्स नहीं आ पाया, जिसके साथ वह अपनी पूरी लाइफ बिता सकें।
उनकी जिंदगी में एक पल ऐसा भी आया जब वह डिप्रशेन की शिकार हो गई थीं और सुसाइड कर सब कुछ खत्म करना चाहती थीं। दरअसल ऐसा तब हुआ जब उनके माता पिता का देहांत हो गया। खबरों के मुताबिक आशा का कहना है कि, वह समय उन के पूरे जीवन सबसे बुरा दौरा था। वह अपने माता पिता को खो चुकी थीं और अब बिल्कुल अकेली हो गई थीं। इसी कारण वह डिप्रेशन की भी शिकार हो गई और कई बार सुसाइड करने जैसे ख्याल मन में आने लगते थे। उन्हें इतना डिप्रेशन हो गया था कि आखिरकार उन्हें इसके लिए डॉक्टर्स का भी सहारा लेना पड़ गया। बता दें कि आशा पारेख अपने वक्त में लगभग सभी बड़े के सितारों के काम कर चुकी हैं। (Box Office: लगातार बढ़ रही है 'जुड़वा 2' की कमाई, सिर्फ 3 दिन में कर चुकी है इतना कलेक्शन)