शाहरुख खान के बड़े बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आर्यन खान की अंतरिम जमानत को रद्द कर दिया है। अब आर्यन खान की तरफ से उनके वकील सतीश मानशिंदे सेशन कोर्ट में जमानत याचिका पेश करेंगे। किला कोर्ट में आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे और एएसजी अनिल सिंह के बीच जमकर बहस हुई। दोनों वकीलों ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने अपनी दलील रखी।
जानिए कोर्ट में वकीलों की बहस का विवरण
जमानत नहीं दिए जाने को लेकर एनसीबी के वकील की दलील
एएसजी सिंह ने आरोपियों को को जमानच नहीं दिए जाने की अपनी दलील में कहा कि जमानत मिलने के बाद आरोपी सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इन आरोपियो के कनेक्शन काफी गहरे हैं, इनके बयान और निशानदेही पर एनसीबी ने ऑर्गनाइजर और ड्रग सप्लायर को पकड़ा है। इन आरोपियो का पकड़े गए अन्य लोगों से आमने सामने बिठाकर पूछताछ करना जरूरी है। इलसिये जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
सतीश मानशिंदे ने किया एनसीबी के वकील का विरोध
एनसीबी के वकील के विरोध में आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, मैं साफ शब्दों में कहना चाहता हूं - मान लीजिए मेरे मुवक्किल पर लगे सारे सेक्शन नॉन बेलेबल हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं जिस कोर्ट में हम जिरह कर रहे है उस कोर्ट को अंतरिम जमानत का अधिकार है। उस अधिकार का इस्तेमाल हो।
मानशिंदे ने कहा, "सरकारी वकील लगातार रिया चक्रवर्ती के जजमेंट का आधार दे रहे हैं, लेकिन मैं कॉपी देकर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट 2010 का हवाला देना चाहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि - विशेष अदालत अंतरिम जमानत दे सकती है।"
एनसीबी के वकील ने दिया एनडीपीएस एक्ट का हवाला
एएसजी सिंह ने अपनी दलील में कहा कि कानून के तहत कोई रोक नहीं है, तो मजिस्ट्रेट जमानत पर विचार कर सकते हैं। लेकिन जब एनडीपीएस एक्ट की धारा 36ए के तहत कोई संदिग्ध होगा तो वह विशेष अदालत इसमें विचारशील होगी। एएसजी सिंह ने अपने पक्ष में कहा कि व्हाट्सएप चैट और स्टेटमेंट (u/s 67 NDPS), (क्रूज टर्मिनल पर उनकी मौजूदगी) संयोग नहीं हो सकता। उनके बयानों से पता चलता है कि वे सभी क्रूज पर जाने से पहले मिले थे। कम्युनिकेशन से पता चलता है कि ये सभी आरोपी पहले भी ड्रग्स का इस्तेमाल करते रहे हैं। यह संयोग नहीं है।
एनसीबी के वकील ने कहा कि व्हाट्स ऐप चैट के रूप में हमारे पास काफी पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जिससे यह साबित होता है कि आरोपी इस साजिश में शामिल थे।
सतीश मानेशिंदे ने सरकारी पक्ष पर लगाया डराने का आरोप
आर्यन खान की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए सतीश मानेशिंदे ने कहा, "सरकारी पक्ष हमें डराने की कोशिश कर रही। उनकी तरफ से मेरे जूनियर्स को चुप रहने को कहा जा रहा है।"
एनसीबी के वकील ने किया रेगुलर बेल या अंतरिम जमानत का विरोध
एनसीबी की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए एएसजी अनील सिंह ने कहा, "मैं इन सभी के एप्लिकेशन ऑफ बेल का विरोध करता हूं। मैं दोबारा कहता हूं कि ये एप्लिकेशन या तो रेगुलर बेल और अंतरिम जमानत दोनों ही इस कोर्ट में कायम नहीं किए जा सकते हैं।"
एनसीबी की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए एएसजी अनील सिंह ने कहा, "सभी को अभी जमानत का दावा करने का अधिकार है। मगर सतीश मानेशिंदे ने संजय नाहर के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया है, जो इस केस में जजमेंट के लिए उनकी ये दलील फिट नहीं बैठती है।"
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे की दलील
अपनी दलील में मानशिंदे ने कहा, आर्यन का दूसरे आरोपियों से कोई लेना-देना नहीं है। बेल के बाद भी आर्यन से पूछताछ हो सकती है। उन्होंने बताया है कि आर्यन खान के पास भारतीय पासपोर्ट है वह इस कार्रवाई में पूरा सहयोग करेंगे और कहीं नहीं भागेंगे।
प्वॉइंटर्स में जानें एनसीबी के वकील और सतीश मानशिंदे के बीच बहस की बातें
ASG अनिल सिंह: मेंटेनेबिलिटी के आधार पर मुद्दे उठा रहे हैं। इसलिए पहले उनका जवाब दें।
आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे: ASG कोर्ट को डिक्टेट करने की कोशशि कर रहे। NCB ने ऐसे किसी केस में पहले विरोध क्यों नहीं किया।
ASG: जब मेंटेनेबिलिटी की बात हो चुकी है तो इसे पहले सुना जाना चाहिए।
मानशिंदे- हमने पूरी तरह रिमांड से जुड़ी दलीलें पेश की हैं, मेंटेनेबिलिटी से जुड़ी नहीं।
मजिस्ट्रेट- ASG से पूछा आपका रिप्लाई कहां है।
ASG -रिप्लाई आ रहा है।
मजिस्ट्रेट- रिप्लाई आने दीजिये। बचाव पक्ष के वकीलों को दीजिए। उसके बाद उसपर बहस करके फैसला करते है।
मानशिंदे: ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि ASG कोर्ट को बता रहें है कि कोर्ट को क्या करना चाहिए?
मानशिंदे: रिमांड जल्दी आ जाता है लेकिन रिप्लाई नही आया।
ASG : जो भी सेक्शन आरोपियों पर लगे हैं वो NDPS कोर्ट में ही ट्रायल किए जा सकते हैं इसीलिए ये मैन्टेनबल नहीं है।
ASG ने कहा कि अगर बेल एप्लिकेशन मैन्टेनबल नहीं है तो आगे बहस करना बेमानी
मानशिंदे- क्यों मैन्टेनबल नहीं है?
ASG- जो भी सेक्शन आरोपियों पर लगे हैं, वो NDPS कोर्ट में ही ट्रायल किए जा सकते हैं। इसीलिए ये मैन्टेनबल नहीं है।
मानशिंदे- रिया चक्रवर्ती मामले में इस कोर्ट ने कैजान इब्राहिम को जमानत दी थी। तब एनसीबी ने चुनौती क्यों नहीं दी।
मानेशिंदे अब बॉम्बे एचसी के एक फैसले का हवाला देते हैं कि छोटे और मध्यम मात्रा में पकड़े गए लोगों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है?
मानशिंदे - अब कानूनी सबमिशन पर आ रहे हैं, कृपया अनुभाग देखें
8c- मेरे लिए लागू नहीं है क्योंकि कुछ भी जब्त नहीं किया गया है
20बी - उत्पादन, निर्माण, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, आयात अंतर-राज्य, अंतर-राज्य निर्यात या भांग का उपयोग करता है तो दंडनीय होगा। 1 [(i) जहां ऐसा उल्लंघन खंड (ए) से संबंधित है। एक के लिए कठोर कारावास के साथ अवधि जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा जो एक लाख रुपए तक हो सकता है
मानशिंदे - ज्यादातर आर्यन के पास व्हाट्सएप चैट हैं.. और कुछ नहीं मिला। इसके पहले भी उन्होंने कोई ड्रग नहीं किया है।
मानेशिंदे - अगर अदालत जमानत आवेदन की मैंटेबलिटी पर फैसला करती है तो पहले उसकी अंतरिम जमानत याचिकाओं पर फैसला किया जाएगा। भले ही वह दो लाइन के आदेश से हो।
मानशिंदे- आर्यन ने अपने बयान में कहा कि मैं सिर्फ 23 साल का हूं। प्रतीक गाबा के बुलाने पर मैं इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल पहुंचा। मेरा सर्च किया गया तो कुछ नही मिला। मेरा मोबाइल लिया गया। मेरे मोबाइल से डाटा निकाल कर फॉरेंसिक के लिए भेज दिया गया। मुझे सवाल जवाब सिर्फ पहले दिन हुआ।। पिछले 5 दिनों में कुछ नया नही निकला है। वहीं NCB का कहना है कि पूछताछ के लिए ज़रूरत पड़ सकती है इसलिए बेल नही दिया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर कोई बेल पर है तब भो आमना-सामना और पूछताछ किया जा सकता है। जितनी बार भी NCB बुलाए वह आने के लिए तैयार हूं। मैं सम्मानित परिवार से हूं। मेरे मां, बाप, बहन सब मुंबई में रहते है। मेरे पास इंडियन पासपोर्ट है। मैं कहीं भाग नही सकता। मेरा दूसरे आरोपियों से कोई लेना देना नही है।
मानशिंदे ने अपना आर्गुमेंट खत्म किया