मुंबई में नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट (NGMA) में भाषण देने के दौरान अमोल पालेकर को बीच में रोक दिया गया, जिससे वो बहुत नाराज़ हैं और उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कहा है। कार्यक्रम में अमोल केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे थे।
अमोल शनिवार को इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने अपने भाषण में एनजीएमए में लगाई जा रही आर्ट गैलरी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि स्थानीय कलाकारों की समितियों को भंग कर दिया गया। यह दिल्ली से तय होता है कि किस कलाकार की प्रदर्शनी लगेगी। इस पर एनएमजीए की डायरेक्टर अनिता रूपवतरन और क्यूरेटर जेसन ठक्कर ने आपत्ति जताया और उनके भाषण को बीच में रोकने की कोशिश की। इससे परेशान होकर अमोल डायस पर बैठ गए। अमोल की पत्नी संध्या गोखले वहां मौजूद थीं और उन्होंने इसका वीडियो भी बनाया।
अमोल ने अपने भाषण में उन नीतिगत बदलावों पर चिंता जाहिर की, जिससे मुंबई और बेंगलुरू में एनजीएमए में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों की सामग्री और विषय तय करने का एकमात्र अधिकार केंद्र के संस्कृति मंत्रालय को मिल जाएगा।
उन्होंने कहा, "मुंबई और बेंगलुरू दोनों क्षेत्रीय केंद्रों में काम करने वाली कलाकारों की सलाहकार समितियों को समाप्त कर दिया गया है, जैसा कि मुझे पता चला है। मैं आधिकारिक तौर पर विवरण जुटा रहा हूं, ताकि इस घटना को सत्यापित कर सकूं।"
कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा रोके जाने से पहले उन्होंने कहा, "वर्ष 2017 में, हम कोलकाता और पूर्वोत्तर में एनजीएमए की शाखाएं खोलने की योजना के बारे में सुनकर खुश थे। मुंबई के इस स्थल के विस्तार की खबर भी दिल को छू लेने वाली थी। हालांकि, 13 नवंबर, 2018 को, एक एक दूसरा विनाशकारी निर्णय स्पष्ट रूप से लिया गया, जिसका नाम ऑल फ्यूचर एक्जिीबिशन्स ऑफ आर्टवर्क्स था।"
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