नई दिल्ली: सांवले रंग और लंबे कद से दुनिया को अपना दीवाना बनाने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिन सब के लिए खास है। उन्होंने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया है। उनकी कड़ी मेहनत और उत्साह ने उन्हें आज उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां पहुंचने का सपना उन्होंने कभी संजोया न था। इलाहाबादी अमिताभ संघर्ष कर बॉलीवुड का शहंशाह बनने का जीता-जागता उदाहरण हैं।
अमिताभ बच्चन के संघर्ष और सफलता की कहानी जितनी आश्चर्यजनक है, उतनी ही रोमांचक भी, जितनी अविश्वसनीय है, उतनी ही सम्मोहक भी। अमिताभ आज 73 साल के हो गए हैं लेकिन आज भी उनमें काम करने की लगन वैसी ही देखी जा सकती है जैसे कि उनके शुरुआती दिनों में थी। वह आज भी काम को लेकर उतने ही उत्साहित हैं।
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अमिताभ का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में हुआ। बच्चन कायस्थ परिवार से संबंध रखते हैं। प्रसिद्ध हिंदी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन उनके पिता थे। उनकी मां तेजी बच्चन को थिएटर में गहरी रुचि थी, फिर भी उन्होंने घर संभालना ही पसंद किया। वर्ष 2003 में अमिताभ के सिर से पिता का साया उठ गया, जबकि उनकी मां ने 21 दिसंबर 2007 को उन्हें अलविदा कहा। उनका मां के प्रति हमेशा से गहरा लगाव रहा।
अमिताभ का अर्थ है 'कभी न बुझने वाली लौ' और उन्होंने अपने नाम का अर्थ सार्थक कर दिखाया। अमिताभ ऐसा नाम है, जिन्हें आज की युवा पीढ़ी ही नहीं, बल्कि आने वाली कई पीढ़ियां अपना आदर्श मान सकती हैं। उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में प्रमुख व्यक्ति बनने के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा।
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