अमिताभ बच्चन के कोरोना पॉजिटिव आते ही दुआओं का सिलसिला शुरू हो गया है। अमिताभ इस वक्त मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं। अमिताभ के भर्ती होते ही आम हो या खास हर कोई उन्हें फाइटर कहकर संबोधित कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिग बी अपने हौसले से कई बीमारियों को मात दे चुके हैं। फिर चाहे 'कुली' के सेट पर पेट में लगी चोट हो या फिर ट्यूबरकोलोसिस सभी बीमारियों से बिग बी एक फाइटर के तौर पर लड़े।
कुली के दौरान लगी थी पेट में चोट
37 साल पहले अमिताभ के साथ कुली फिल्म के सेट पर ऐसा हादसा हुआ था जिससे उनकी जान पर बन आई थी। सेट पर फाइट सीन के दौरान विलेन का घूंसा बिग बी के पेट में जोर से लगा और वो स्टील की एक मेज से जा टकराए। इससे उनके पेट में गहरी चोट आई थी। इस घटना के बाद करीब 72 घंटे तक अमिताभ को ऑपरेट नहीं किया गया जिसकी वजह से अमिताभ की परेशानी और बढ़ गई। जब अस्पताल में एडमिट कराया गया तो उनकी जिंदगी और मौत से लड़ाई शुरू हो गई। अमिताभ ने उस वक्त मौत को शिकस्त दे दी थी।
ट्यूबरकोलोसिस और हेपेटाइटिस बी से भी पीड़ित
अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो ट्यूबरकोलोसिस और हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं। बिग बी ने कहा था- 'मुझे यह कहते हुए बुरा नहीं लगता कि मैं ट्यूबरकोलोसिस (टीबी) और हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हूं। मेरे लिवर का 75 फीसदी हिस्सा खराब है और मैं 25 फीसदी लिवर के सहारे जी रहा हूं।'
अस्थमा से भी हैं पीड़ित
अमिताभ बच्चन अस्थमा से भी पीड़ित हैं। अमिताभ इस बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे हैं। अस्थमा की समस्या सर्दी-जुकाम से होती है। लगातार सर्दी-जुकाम बने रहना अस्थमा का रूप ले लेता है।
साल 2000 में डिटेक्ट हुआ था टीबी
बिग बी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें साल 2000 में टीबी डिटेक्ट हुआ था। अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था समय रहते ही दवा लेने से वो पूरी तरह ठीक हो गए।
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