नई दिल्ली: बॉलीवुड में #MeToo मूवमेंट की शुरुआत से काफी पहले ही पाकिस्तान में ये कैंपेन छिड़ चुका था। पाकिस्तानी सिंगर और एक्टर अली जफर पर करीब एक साल पहले सिंगर मीशा शफी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाय था। शनिवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया।
कोर्ट के फैसले के बाद अली जफर ने ट्वीट पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मीशा शफी ने मुझ पर जो भी केस किए थे कोर्ट ने उन सभी को खारिज कर दिया। उन्होंने मामले में क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान की मांग की थी। उनके इस तरह के झूठे आरोपों ने मुझे बहुत परेशान किया। अब वो इससे भागने की कोशिश कर रही हैं। ने उनके खिलाफ केस किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ फेक ट्वीट्स करके मेरे खिलाफ कैंपेन चलाया है।'
अली जफर ने आगे लिखा कि 'मैं एक साल तक इन सबके बारे में शांत रहा, जबकि हजारों ट्वीट मेरे खिलाफ पोस्ट किए गए थे। हर अभियान के तहत एक बड़ी घटना सामने आती है लेकिन इस बार कानून के जरिए सच्चाई सबके सामने आ गई है। मैं एफआईए (संघीय जांच एजेंसी) से आग्रह करता हूं कि सख्त रूप से कार्रवाई की जाए। मैं कोर्ट से प्रार्थना करता हूं कि इस मामले में कोर्ट जल्द फैसला सुनाए। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि मेरे साथ आएं और मीशा सफी से कोर्ट में सवाल पूछें।'
कोर्ट में फैसले के वक्त अली जफर वहां मौजूद थे जबकि मीशा शफी नहीं पहुंची थीं। मीडिया से बात करते हुए अली जफर ने कहा कि 'ये सब मुझे टारगेट करने के लिए किया गया है। इस वजह से मैंने उन पर मानहानि का केस किया है। अब मेरा जो नुकसान हुआ है वो इसकी भरपाई करें।'
इससे पहले मीशा ने अली जफर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'एक प्राइवेट स्टूडियो में उन्होंने उनके साथ बदतमीजी की थी। अली कई और महिलाओं के साथ भी इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं। अली ने कई बार मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश की जो मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा दर्द था।'