मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भले ही आज देश के बड़े एक्टर बन गए हो लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें बॉलीवुड ने महत्व नहीं दिया। जब वो नए थे तो लोग उनसे एक बाहरी व्यक्ति के तरह व्यवहार किया जाता था।
पिछले एक दशक में ‘स्पेशल 26’, ‘बेबी’, ‘एयरलिफ्ट’ और ‘रूस्तम’ जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले 50 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि किसी फिल्म सेट पर किसी अभिनेता को दी जाने वाली सुविधाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि उसने कितनी हिट या फ्लॉप फिल्में दी हैं।
अक्षय ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हां मुझे बाहरी महसूस कराया जाता था। मुझे याद है कि मैं दो अभिनेताओं की एक फिल्म कर रहा था, मेरी तीन-चार फिल्में नहीं चली थी लेकिन उसकी (अन्य अभिनेता की) चली थी। हमारे किरदार लगभग एकसमान महत्व वाले थे लेकिन उसे शूट रूम मिला हुआ था जबकि मुझे सिर्फ एक कमरा मिला था। उसे शानदार कार मिली हुई थी लेकिन मुझे कहा गया ‘आप बस से आ जाइए।’ हां वास्तव में ऐसा होता है।’’
अभिनेता ने कहा कि जैसी ही उनकी फिल्में चलने लगीं, फिल्म उद्योग में कई लोगों के साथ उनके संबंध बदल गए। अक्षय ने कहा कि उनके साढ़े 27 साल के करियर में तीन से चार बार बुरे दौर आए लेकिन उन्होंने कभी विफलता की परवाह नहीं की।