नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ जहां एक तरफ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है वहीं दूसरी तरफ फिल्म की आलोचना भी की जा रही है। लोग इस फिल्म को सरकारी विज्ञापन करार दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि अक्षय सरकार को खुश करने के लिए ऐसी फिल्में बना रहे हैं। फिल्म को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें शौचालय को मुद्दा बनाया गया है और सेकेंड हाफ पूरी तरह से पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा लग रहा है।
यहां पढ़िए, टॉयलेट-एक प्रेम कथा का रिव्यू
हाल ही में फिल्म की सफलता पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब अक्षय से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा सरकार भी उसी चीज के बारे में बोल रही है ये तो अच्छी बात है। अगर आप इसे सरकारी प्रोपेगेंडा कह रहे हैं, तो हां मैं प्रोपेगेंडा कर रहा हूं। क्योंकि टॉयलेट जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए। अक्षय ने आगे कहा कि अपनी आने वाली फिल्म ‘पैडमैन’ में मै सैनिटरी पैड्स की बात कर रहा हूं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश में करीब 91 फीसदी महिलाएं पैड का यूज नहीं करती हैं, यहां तक कि वो पैड अफॉर्ड भी नहीं कर सकती हैं। इन सब जरूरी चीजों के बारे में बात करना और उनपर फिल्म बनाकर लोगों को जागरूक करना कोई प्रोपेगेंडा नहीं है।
टॉयलेट- एक प्रेम कथा की कमाई चौंकाने वाली
बता दें, अक्षय कुमार की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दमदार कमाई कर रही है। एक हफ्ते में इस फिल्म ने 96 करोड़ का कारोबार कर लिया है। फिल्म ने पहले 3 दिन के अंदर ही 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था।
जल्द ही दूरदर्शन पर आएगी 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा'