नई दिल्ली: अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ बॉक्स ऑफिस में धमाल मचा रही है। अब अक्षय कुमार एक और मुद्दे पर फिल्म ला रहे हैं, कहा जा रहा है ये फिल्म शोले जैसी मनोरंजक होगी। महिलाओं के मासिक धर्म पर आधारित फिल्म ‘पैडमैन’ में अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फिल्मकार आर. बाल्की का कहना है कि उनकी आगामी हिंदी फिल्म 'पैडमैन' सदाबहार फिल्म 'शोले' की तरह मनोरंजक होगी। उन्होंने कहा कि इसमें दर्शकों को उपदेश नहीं दिए जाएंगे।
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यह फिल्म अरुणाचलम मुरुगनंतम की वास्तविक जीवन की सफलता की कहानी है, जिन्होंने भारत की सबसे सस्ती सैनिटरी नैपकिन मशीन की शुरुआत की। इसमें अक्षय कुमार, सोनम कपूर और राधिका आप्टे जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म अक्षय की पत्नी ट्विंकल प्रोड्यूस कर रही हैं।
हिंदी सिनेमा में कई अनकहे सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बन रही हैं, जैसे टॉयलेट : एक प्रेम कथा के माध्यम से खुले में शौच, 'पैडमैन' में मासिक धर्म या 'शुभ मंगलम सावाधान' के माध्यम से स्तंभन दोष। इन सबके मद्देनजर यह पूछे जाने पर कि क्या आज बॉलीवुड में सामाजिक संदेश देने का नया फॉर्मूला बन गया है?
आर. बाल्की ने इस पर कहा, "मुझे इस बारे में पता नहीं था, लेकिन जब मुझे उस व्यक्ति की जिंदगी और उस पर आधारित फिल्म के बारे में पता चला, तो मैं इससे प्रभावित हुआ, जिस पर आधारित यह फिल्म थी। मुझे लगता है कि इस देश में सैनिटरी नैपकिन विषय को छुआ तक नहीं गया है। यह क्रांतिकारी है, जो उन्होंने किया। इस विषय में बात की जानी चाहिए, लोग इस विषय में शर्मीले हैं।"
फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के लिए राजधानी में उपस्थित आर. बाल्की ने इस बात से इनकार किया कि 'पैडमैन' सामााजिक मुद्दे पर आधारित है।
बाल्की ने कहा, "उनका (मुरुगनंतम ) जीवन 'शोले' के समान है। यह सबसे बड़ी मसाला मनोरंजक जैसी है और जब इसके जीवन की बात आती है तो यह बहुत मनोरंजक है, इसलिए मुझे इसमें अलग से मनोरंजन जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ी।"
उन्होंने इस पर जोर दिया कि सिनेमा को उपदेशात्मक नहीं होना चाहिए। फिल्म 'पैडमैन' अगले साल रिलीज होगी।
(इनपुट- आईएनएस)