पृथ्वीराज कपूर के बेटे और बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर भले ही इस दुनिया में न हो लेकिन आज भी दुनिया उन्हें उनकी फिल्मों की वजह से याद करती है। आज ही के दिन यानि 2 जून 1988 को राज कपूर का निधन हो गया था। मृत्यु के वक्त राजकपूर सिर्फ 63 साल के थे। 63 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अचानक अलविदा कह दिया, जब वे दादा साहेब फालके अवॉर्ड ग्रहण करने दिल्ली गए थे। 2 मई 1988 को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम एस.वेंकटरमन ने जब देखा कि राजकपूर को स्टेज तक आने में तकलीफ हो रही है, तो वे खुद ही उनकी सीट तक गए और उन्हें अवार्ड प्रदान की।
ऋषि कपूर की किताब खुल्लम खुल्ला
ऋषि कपूर ने अपनी किताब खुल्लम खुल्ला में खुलासा किया था कि अंदाज के सेट पर दोनों एक दूसरे को देखते ही दिल दे बैठे थे। नरगिस उस वक्त सुपरस्टार थीं और एक के बाद एक 8 सुपर हिट फिल्में दे चुकी थीं। पर्सनली और प्रोफेशनली दोनों एक-दूसरे से 16 साल तक जुड़े रहे थे। नरगिस उनसे शादी करने पर अडिग थीं लेकिन शादीशुदा होने की वजह से राज कपूर ऐसा नहीं कर सकते थे। नरगिस ने कई वकीलों से भी सलाह-मशविरा किया था कि क्या यह पॉसिबल है कि वह शादीशुदा व्यक्ति से शादी कर सकती हैं? हालांकि ये सब काम नहीं आया और दोनों को एक-दूसरे से अलग होना ही पड़ा। 1956 में आई चोरी-चोरी दोनों की साथ में अंतिम फिल्म थी। एक पार्टी में जब नरगिस और कृष्णा मिलीं तो नरगिस ने उनसे माफ़ी भी मांगी थी और कहा था-आपकी लाइफ की सारी परेशानियों की वजह मैं हूं, इस पर कृष्णा ने उन्हें कुछ नहीं कहा था बल्कि जो हुआ उसके लिए उन्हें माफ़ कर दिया था।
राज कपूर और नरगिस
नरगिस से दूरियां बढ़ने के बाद राज कपूर पत्नी कृष्णा के पास वापस लौट आए थे। करियर में नर्गिस के बाद उनकी कई एक्ट्रेसेस के साथ जोड़ी बनी। शुरुआत में उनका नाम पद्मिनी से भी जुड़ा लेकिन वैजयंती माला से उनकी करीबियों की चर्चा आज भी की जाती है। कहा तो ये भी गया कि दोनों ने चोरी-छुपे शादी कर ली थी। जब एक इंटरव्यू में वैजयंती माला से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि यह अपकमिंग मूवी के प्रमोशन के लिए एक फंडा है।
राज कपूर और वैजयंती माला
वैजयंती माला और राज कपूर के अफेयर की खबर से दुखी होकर कृष्णा राज एक बार राज कपूर को छोड़कर अपने बच्चों के साथ एक होटल में रहने चली गई थीं। इसके कुछ समय बाद वह एक दूसरे घर में रहने लगी थीं जो कि राजकपूर ने फैमिली के लिए बनाया था। इस किस्से का जिक्र एक बार ऋषि कपूर ने करते हुए कहा था-मुझे याद है जब वैजयंती माला और पापा का अफेयर था तो मां हमें लेकर मुंबई के नटराज होटल में रहने चली गई थीं। इसके बाद दो महीने के लिए हम चित्रकूट चले गए थे जहां पापा ने हमारे लिए एक अपार्टमेंट लिया था।उन्होंने मां को दोबारा पाने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन वह नहीं मानी थीं। कई लिंक-अप्स के चलते कृष्णा ने राज कपूर को कभी छोड़ा नहीं। वह चुपचाप सब सहती रहीं।
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