इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में अभिनेता अध्ययन सुमन ने ड्रग्स की जांच में उन्हें नहीं घसीटने का अनुरोध किया। उनका दावा है कि इस समय उनके पुराने इंटरव्यू पर प्रकाश डाला जा रहा है, लेकिन जब उन्होंने इंडस्ट्री में ड्रग्स को लेकर बात की थी तब उनका किसी ने सपोर्ट नहीं किया था। उनका दावा है कि उन्होंने इंडस्ट्री में एक काला दौर देखा था जबकि उनके पिता शेखर सुमन बॉलीवुड में एक लोकप्रिय नाम हैं। अधयन का दावा है कि नेपोटिज्म ने मेरे लिए काम नहीं किया है और उन्होंने अपनी जगह बनाने की खुद कोशिश की है।
साथ ही, अध्ययन ने कहा कि उनके परिवार और कंगना ने एक ही आवाज उठाई है, जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में न्याय के लिए है, बस तरीका अलग है। उनका कहना है कि फिल्म उद्योग के आसपास की पूरी बहस सिर्फ इसे बदनाम कर रही है।
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अध्ययन ने कहा- ''जब मैंने इस मुद्दे पर बोला था तब लोगों ने मुझे ही डिफेम कर दिया था, मुझे ही गालियां दी थीं, मुझे किसी ने सपोर्ट नहीं किया था।'' अध्ययन ने आगे कहा- ''जहां तक मैं जानता हूं पिछले 12 सालों से मैंने कंगना का फॉलो नहीं किया है, लेकिन मैं श्योर हूं वो पॉपुलर एक्टर है, अगर उसने पब्लिक में आकर बोलने का फैसला किया है तो कुछ ना कुछ बात और गुस्सा जरूर है क्योंकि उन्हें पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है। वो कुछ कहना चाहती होंगी तभी पब्लिक में आई हैं। हर किसी की लड़ाई होती है, मेरी लड़ाई में किसी ने मेरा सपोर्ट नहीं किया था। मैं कंगना की लड़ाई का सपोर्ट करता हूं, उन्होंने जो किया अपनी जिंदगी में और जो करना चाहती हैं उसकी रिस्पेक्ट करता हूं। मेरा और कंगना का कोई रिश्ता नहीं है लेकिन आज हम उस रास्ते में हैं जहां हम एक दूसरे के खिलाफ नहीं साथ हैं। उन्होंने सुशांत के लिए लड़ाई लड़ी मेरे पिता ने भी लगातार आवाज उठाई है।''
अध्ययन ने आगे कहा- ये अच्छी बात है कि अब हमारे आवाज उठाने के बाद चीजें बाहर आ रही हैं, ड्रग्स के किस्से बाहर आ रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान हम चाहते हैं कि हमारे इंडस्ट्री में हो। सिर्फ इंडस्ट्री में ही क्यों बिजनेस फील्ड में और कॉलेज स्कूल हर जगह इसकी जांच हो।