मुनमुन यहीं नहीं रुकीं उन्होंने आगे कहा, "उस समय आप समझ ही नहीं पाती कि ये बात अपने माता-पिता को कैसे बताएंगी या शर्म के कारण आप इसके बारे में किसी से कुछ नहीं कहते। इसके बाद सभी मर्दों को लेकर आपके अंदर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगता है। जिस बाहर निकलने में कई साल लग जाते हैं। मुझे गर्व की मैं भी इस कैंपेन की एक आवाज बनीं और लोगों तक इस संदेश को पहुंचा रही हूं, कि मुझे भी नहीं छोड़ा गया है। लेकिन आज मैं किसी भी मर्द को सबक सिखा सकती हूं।"