मुंबई: दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के निधन को कई महीने बीत गए हैं। लेकिन उनके बड़े बेटे बाबिल उनको हमेशा याद करते हुए सोशल मीडिया पर उनकी पुरानी तस्वीरें साझा करते रहते हैं। इस बार अभिनेता के बड़े बेटे बाबिल ने उनके कब्र की तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पर साझा की, जहां अभिनेता की कब्र के चारो ओर गुलाब के फूल दिखाई दे रहे हैं।
बाबिल ने अपने मन की बातें रखते हुए लिखा, "जब एक आदमी पैदा होता है तो वह कमजोर और लचीला होता है। जब वह मरता है तो वह कठोर और असंवेदनशील हो जाता है। जब एक पेड़ बढ़ रहा होता है तो वह कोमल और लचीला होता है, लेकिन जब वह सूखता है और कठोर हो जाता है तो वह मर जाता है। कठोरता और ताकत मौत के साथी हैं। जबकि अनुकूलनशीलता और कमजोरी अस्तित्व की ताजगी के भाव हैं। क्योंकि जो कठोर हुआ है वह कभी नहीं जीतेगा- तार्कोवस्की। मैं आखिरी तर्क-वितर्को के लिए अभी भी 'स्टाकर' फिल्म देख रहा हूं। मैं फिल्म को समय-समय पर रोकता हूं। ठीक उसी तरह जैसे आप मेरे साथ करते थे। आप मुझे उस वक्त सिखाते थे, मैं खुद को अब सिखाता हूं।"
इरफान खान के बेटे बाबिल ने शेयर की पिता की कब्र की तस्वीर, कही ये बात
इससे पहले भी बाबिल पिता की कब्र की तस्वीर शेयर कर चुके हैं। एक बार बाबिल ने जो तस्वीर शेयर की थी उसमें बाबिल का छोटा भाई यानी कि इरफान के छोटे बेटे अयान पिता की कब्र पर पानी डालते नजर आ रहे हैं और दूसरी तस्वीर में उनकी कब्र पर फूल चढ़ाए हुए नजर आ रहे हैं। बाबिल ने लिखा- अयान मजबूत रह रहा है। मम्मा ने भी हाल में कब्र को देखकर चिंतित हुए फैन्स के लिए पोस्ट शेयर किया था। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह हमेशा घास, पेड़-पौधों से घिरे रहना चाहते थए। गंदगी और प्लास्टिक को हमेशा उस जगह से निकाल दिया जाता है। मेरी प्यारी मां ने यह लिखा था- औरतों को मुस्लिम कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं होती नहीं इसलिए मैंने रात की रानी इगतपुरी में लगाया था। जहां मैंने मेमोरी स्टोन लगाया है और उनकी सबसे पसंदीदा चीजों को दफनाया है। वो जगह मेरी अपनी है जहां मैं घंटों बैठ सकती हूं और कोई मुझे यह नहीं सकता तुम यहां नहीं बैठ सकती। उनकी रुह वहीं है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उनकी कब्र को ऐसे ही छोड़ दिया जाए।
उन्होंने आगे लिखा- बारिश की वजह से वहां जंगली घास उग जाती है। तुम्हारे द्वारा शेयर की तस्वीर में यह जंगली और खूबसूरत है जहां से मैं देख सकती हूं। बारिश होती है तो यह पौधे आ जाते हैं और अगले मौसम में चली जाती है। उसके बाद इसे कोई साफ कर सकता है। . हर चीज का ठीक उसी तरह होना जरूरी है क्या, जैसा परिभाषित किया गया है? क्या पता, पौधों को बढ़ना एक उद्देश्य हो।
(इनपुट- आईएएनएस)