आरती आगे कहती हैं, "यह केवल एक शहर या तबके को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की हकीकत बयां करती है, जो हर हाल में संतान के रूप में बेटे की चाह रखते हैं। हमारा धारावाहिक अगर ऐसे सैकड़ों लोगों में कुछ लोगों को भी प्रभावित करता है, उन्हें सोचने पर मजबूर करता है कि बेटियां भी बेटों के समान होती हैं, और कुछ मायनों में उनसे बढ़कर होती है, तो हमारी कोशिश सफल हो जाएगी।"