त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के रूझान और नतीजें अब सामने आने लग गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी गठबंधन पार्टी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने बढ़त बना ली है। राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में वाममोर्चा काफी पीछे चल रहा है। राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 59 पर मतगणना हो रही है। राज्य में 18 फरवरी को हुए चुनाव से एक सप्ताह पहले चारीलाम सीट पर माकपा के उम्मीदवार के निधन की वजह से इस सीट पर चुनाव स्थगित हो गए थे। राज्य में बीते 25 वर्षो से माकपा के नेतृत्व में सत्तासीन वाममोर्चा 59 सीटों में से करीब 20 सीटों पर आगे चल रहा है तो वहीं बीजेपी दो तिहाई बहुमत के सात करीब 40 सीटों पर जीत दर्ज करता दिख रहा है। भाजपा को पांच साल पहले विधानसभा चुनाव में लगभग 1.5 फीसदी वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर करीब 50 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं।
सबसे बुरा हाल कांग्रेस का रहा है पिछले विधानसभा चुनाव में करीब 45 प्रतिशत वोट पाने वाली कांग्रेस इस बार 1.5 प्रतिशत पर सिमट गई है। पार्टी राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। त्रिपुरा देश का पहला राज्य है जहां सभी 59 विधानसभा सीटों पर वीवीपैट ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल हुआ है। चुनाव आयोग ने पूरी कोशिश की है इस बार ईवीएम पर कोई सवाल ना खड़ा कर पाए। नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी इस समय सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। अरुणाचल, असम, मणिपुर, सक्किम के बाद अब त्रिपुरा में भी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। इसके अलावा नगालैंड में भी पार्टी सरकार के बनाने के करीब दिखाई दे रही है हालांकि वहां किस्सी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। बीजेपी की इस जीत पर सोशल मीडिया पर काफी ट्वीट देखने को मिले हैं।