नई दिल्ली: त्रिपुरा चुनाव में सभी 59 सीटों के रुझान आ चुके हैं। त्रिपुरा में भाजपा शून्य से शिखर तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसी लहर दिखाई दी है कि 25 साल बाद लेफ्ट का किला ध्वस्त होता हुआ दिखाई दे रहा है। भाजपा ने त्रिपुरा में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। रूझानों में भाजपा लेफ्ट से बहुत आगे निकल गई है। भाजपा 40 पर आगे है जबकि सीपीएम 19 सीटों पर आगे है। खास बात ये है कि इन चुनावों में त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन के पक्ष में बंपर वोटिंग हुई है। भाजपा को 49 फीसदी वोट मिले हैं जबकि सीपीएम को 45 प्रतिशत वोट मिले हैं। इतना जल्दी उलट फेर इसलिए हो रहा है कि क्योंकि राज्य छोटा है और रूझान का फैसला बड़े कम अंतर से होता है।
अब तक के रुझानों में भाजपा गठबंधन को जहां 48 फीसदी वोट मिले हैं वहीं लेफ्ट को 45 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं, खास बात है कि 2013 में भाजपा को महज़ डेढ़ फीसदी वोट मिल थे। 2013 में भाजपा 50 सीटों पर लड़ी थी लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 49 सीटों पर तो पार्टी की ज़मानत तक जब्त हो गई थी लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा बड़ा उलटफेर करने में कामयाब होती दिख रही है। इस बीच खबर आ रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचेंगे। यहां भाजपा दफ्तर में बड़े जश्न की तैयारी की गई है।
यह भारत के 65 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार हो रहा है कि माकपानीत वाम दलों और भाजपा की सीधी टक्कर राज्य स्तर पर हो रही है। राज्य में माकपा ने 56 सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी ने एक-एक सीट मोर्चे के घटक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लिए छोड़ी है।
भाजपा 50 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने नौ सीट अपने सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा के लिए छोड़ी है। कांग्रेस ने सभी 59 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन काकराबन-शालग्रहा से पार्टी के उम्मीदवार सुकुमार चंद्र दास ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए।
अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी तपस राय ने बताया कि सभी 59 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना एक साथ करने के लिए त्रिपुरा में बीस स्थानों पर 59 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।