नई दिल्ली: त्रिपुरा में सरकार बनाने जा रही भाजपा की ओर से बिप्लव देब सीएम हो सकते हैं। बिप्लव देब बहुत कम उम्र से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं। इस वक्त ये त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष हैं। बिप्लव देव आरएसएस के झंडेवालान दफ्तर में रहते थे। वो त्रिपुरा की बनामालिपुर सीट से भाजपा के उम्मदीवार हैं और इस वक्त बिप्लव देव पांच हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। भाजपा ने त्रिपुरा में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। रूझानों में भाजपा लेफ्ट से बहुत आगे निकल गई है। भाजपा 40 पर आगे है जबकि सीपीएम 19 सीटों पर आगे है। खास बात ये है कि इन चुनावों में त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन के पक्ष में बंपर वोटिंग हुई है।
बता दें कि अब तक के रुझानों में भाजपा गठबंधन को जहां 48 फीसदी वोट मिले हैं वहीं लेफ्ट को 45 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं, खास बात है कि 2013 में भाजपा को महज़ डेढ़ फीसदी वोट मिल थे। 2013 में भाजपा 50 सीटों पर लड़ी थी लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 49 सीटों पर तो पार्टी की ज़मानत तक जब्त हो गई थी लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा बड़ा उलटफेर करने में कामयाब होती दिख रही है। इस बीच खबर आ रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचेंगे। यहां भाजपा दफ्तर में बड़े जश्न की तैयारी की गई है।
यह भारत के 65 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार हो रहा है कि माकपानीत वाम दलों और भाजपा की सीधी टक्कर राज्य स्तर पर हो रही है। राज्य में माकपा ने 56 सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी ने एक-एक सीट मोर्चे के घटक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लिए छोड़ी है। भाजपा 50 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने नौ सीट अपने सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा के लिए छोड़ी है। कांग्रेस ने सभी 59 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन काकराबन-शालग्रहा से पार्टी के उम्मीदवार सुकुमार चंद्र दास ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए।