नई दिल्ली: शनिवार को त्रिपुरा मेघालय और नगालैंड तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों की मतगणना होगी। नागालैंड में मंगलवार को विधानसभा की 60 सीटों के लिए हुए चुनाव में 75 फीसदी वोटिंग हुई थी। जबकि मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में मंगलवार को कुल 18.9 लाख मतदाताओं में से 67 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। वहीं त्रिपुरा में 18 फरवरी को हुए चुनाव में 76 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे।
त्रिपुरा: त्रिपुरा में वाम मोर्चा 1993 से, यानी पिछले 25 साल से सत्ता में है। माणिक सरकार 1998 से यानी 20 साल से मुख्यमंत्री हैं। माणिक सरकार की पहचान देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री के तौर पर भी है। इस बार का चुनाव मणिक सरकार के लिए आसान नहीं है। इस बार आर-पार की लडाई है और मुख्य चुनौती बीजेपी से है
कुल सीटें - 60
वाम मोर्चा ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे किए (सीपीएम 57, सीपीआई 1, आरएसपी 1, फारवर्ड ब्लॉक 1)
बीजेपी ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे किये। सहयोगी दल- - Indegenous Peoples front of Tripura ने 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए।
कांग्रेस ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, तृणमूल ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को टिकट दिया।
2013 के चुनाव में वाम मोर्चा को 50 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी की 10 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं।
मेघालय: इस राज्य में कांग्रेस 2009 से, यानी पिछले 9 साल से सत्ता में है। मुकुल संगमा पिछले आठ साल से मुख्यमंत्री हैं। इस बार कांग्रेस अपने दम से चुनाव लड रही है, बीजेपी भी अपने दम पर लड़ रही है, स्थानीय दल यूडीपी और एचएसपीडीपी ने एलायन्स किया है, और स्वर्गीय पी.ए.संगमा के बेटे की पार्टी एनपीपी भी अपने दम पर लड़ रही है। लेकिन बीजेपी और संगमा के बेटे के बीच unofficial alliance है, यानी चुनाव के बाद जरूरत पड़ी तो मिलकर सरकार बनाएंगे।
कुल सीटें - 59 ( 1 सीट पर एनसपी उम्मीदवार की हत्या के बाद चुनाव स्थगित)
कांग्रेस - 59
बीजेपी - 47
एनपीपी (बीजेपी का संभावित मित्रदल) - 52
य़ूडीपी-एचएसपीडीपी - 35
2013 के चुनाव के नतीजे - कांग्रेस - 29, यूडीपी - 8, एनपीपी - 2, एचएसपीडीपी - 4, एनसीपी - 2, गारो एनसी - 1, निर्दलीय - 13
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नगालैंड: यहां कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्ता में नहीं है। 2003 में बीजेपी की दोस्त नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) ने सरकार बनायी, और तब से चल रही है। तीन महीन पहले तक यहां NPF की सरकार थी। चुनाव से ठीक पहले NPF टूट गया। मुख्यमंत्री नैफ्यू रियो ने अलग पार्टी बना ली, नाम है एनडीपीपी। नैप्यू रियो निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं। एनडीपीपी और बीजेपी के बीच 40-20 का गठबंधन है। यानी बीजपी के 20 और एनडीपीपी के 40 उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने 18, और एनपीएफ ने 58 उम्मीदवार खडे किये हैं, लेकिन unofficially ये बात चल रही है कि अगर सरकार बनानी पडी तो दोनों हाथ मिला सकते हैं।
कुल सीटें 60 ( 1 सीट निर्विरोध)
एनडीपीपी - 40 (जिसमें से 1 सीट निर्विरोध जीती)
बीजेपी - 20
कांग्रेस - 18
एनपीएफ - 58
बाकी अन्य और निर्दलीय
2013 का नतीजा - एनपीएफ - 38, बीजेपी - 1, जेडीयू - 1, कांग्रेस - 8, एनसीपी - 4, निर्दलीय - 8