नयी दिल्ली: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को चुनौती देने के लिये भाकपा और कांग्रेस के बीच अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाने के कारण विपक्षी दलों के प्रस्तावित गठबंधन का भविष्य फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति में है। भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी बातचीत चल रही है। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया ‘‘मुझे लगता है कि कांग्रेस विधानसभा की 75 प्रतिशत से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। अगर गठबंधन होता है तो यह टीआरएस को कड़ी चुनौती देगा।’’
उल्लेखनीय है कि तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा) और भाकपा ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की पिछले महीने घोषणा की थी। इसके बाद तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) सहित राज्य के अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी प्रस्तावित गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जतायी थी, जिसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिये आगामी सात दिसंबर को मतदान होगा।
रेड्डी ने कहा कि भाकपा तेलंगाना में 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। उन्होंने कहा ‘‘इनमें से नौ सीटों पर हमारी पार्टी के लिये जीतने की बेहतर संभावनायें हैं। इसलिये इन सीटों पर हम कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।’’ हालांकि रेड्डी ने आगाह किया कि सीटों के बंटवारे से जुड़े मुद्दों को सुलझाने में हो रही देरी से गठबंधन की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा ‘‘हमारे प्रत्याशियों की सूची जारी होने में पहले ही देर हो चुकी है। मुझे उम्मीद है कि सीटों के बंटवारे का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जायेगा।’’
रेड्डी ने यह भी कहा कि प्रस्तावित गठबंधन के साथी दलों के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी बातचीत चल रही है। इसमें राज्य की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने, विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां करने और बदहाली के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा दिलाने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
माकपा की अगुवाई में तेलंगाना के अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ बहुजन वाम मोर्चा बनाने के सवाल पर रेड्डी ने कहा कि इस पहल से दोनों वाम दलों के प्रत्याशियों की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि माकपा हमारे महाठबंधन में शामिल हो। लेकिन उनका अपना अलग एजेंडा है और हमारा अपना एजेंडा है।’’
उन्होंने कहा कि अगर हमारे प्रत्याशियों के खिलाफ बहुजन वाम मोर्चा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरते हैं तो दो जिलों, नलगोंडा और खम्मम में वाम मतदाताओं में विभाजन होगा। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में भाकपा और माकपा दोनों दलों को एक एक सीट मिली थी।