परकल/निर्मल (तेलंगाना): भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुस्लिमों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर रविवार को हमला बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी कभी भी धर्म आधारित आरक्षण की इजाजत नहीं देगी क्योंकि यह असंवैधानिक है। राज्य में सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले परकल एवं निर्मल में चुनाव प्रचार रैली के दौरान शाह ने इस मुद्दे को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख एवं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर हमला बोला।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चंद्रशेखर राव को यह कहना चाहता हूं कि उच्चतम न्यायालय ने कुल आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लगा रखी है। अगर आप 12 प्रतिशत का आरक्षण देना चाहते हैं तो किसके कोटे से इसे पूरा करेंगे : दलित, आदिवासी या ओबीसी। पहले इस पर फैसला करें।’’ शाह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा निर्धारित कर रखी है, यह जानते हुए भी राव ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिये आरक्षण का वादा किया और प्रस्ताव (विधेयक) केन्द्र को भेजा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अनुसूचिति जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बचाये रखने के लिये प्रतिबद्ध है।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान धर्म आधारित आरक्षण की अनुमति नहीं देता है।
उन्होंने वहां मौजूद भीड़ से पूछा कि क्या आप धर्म-आधारित आरक्षण चाहते हैं और फिर उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आप चिंता नहीं करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर केसीआर, कांग्रेस, तेदेपा, कम्युनिस्ट सभी एकसाथ आ भी जायें, तब भी मैं गारंटी देता हूं कि केन्द्र में भाजपा सरकार धर्म आधारित आरक्षण कभी नहीं देगी।’’ तेलंगाना विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया है जिसमें मुस्लिम समुदाय के पिछड़ा वर्ग के लिये नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। हालांकि विधेयक पर केन्द्र की सहमति मिलनी बाकी है। इस बीच शादनगर में एक चुनावी रैली में राव ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधेयक पारित नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग मुस्लिमों को आरक्षण देना चाहते हैं। लेकिन मोदी इसके खिलाफ हैं। यही कारण है कि मैं गैर कांग्रेसी और गैर भाजपा सरकार की वकालत करता हूं। आप जानते हैं कि मैंने अलग तेलंगाना राज्य के लिये लड़ाई लड़ी है। मैं आपको उसी तरीके से आरक्षण भी दिलाऊंगा।’’