सीपी जोशी 2019 से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वर्तमान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1980, 1985, 1998, 2003 और 2018 में नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से पांच बार जीत हासिल की। 1980 के राजस्थान चुनावों में जोशी ने निर्दलीय उम्मीदवार हीरा लाल कटारिया को 9,649 वोटों से हराया था। 1985 के चुनाव में जोशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार विजय सिंह झाला को 26,190 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी थी। हालांकि, 1990 के विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी को भाजपा के शिव दान सिंह ने 9,684 वोटों से हरा दिया था। इसके बाद सीपी जोशी ने 1998 में शिव दान सिंह को 6,647 वोटों के अंतर से हराकर अपनी हार का बदला लिया और 2003 में भाजपा के राम चंद्र भगोरा को हराकर फिर से जीत हासिल की थी।
सीपी जोशी 1998 में अशोक गहलोत के मंत्रालय में राजस्थान के कैबिनेट मंत्री बने और उनके पास शिक्षा, ग्रामीण विकास और पंचायती राज, भूजल, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई विभाग थे। 2008 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में जोशी को बीजेपी के कल्याण सिंह चौहान ने सिर्फ 1 वोट से हराया था। उस चुनाव में चौहान को 62,216 वोट मिले थे जबकि जोशी 62,215 वोट पाने हासिल हुए थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में जोशी को कांग्रेस पार्टी ने भीलवाड़ा से मैदान में उतारा था। तब उन्होंने भाजपा के विजयेंद्र पाल सिंह को 1,35,368 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचन क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी। जीतने के बाद मई 2009 में उन्हें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
इस दौरान जोशी के पास रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग समेत कई विभाग रहे। साल 2014 में जोशी ने जयपुर ग्रामीण से भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन राठौड़ ने उन्हें 3,32,896 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया था। इसके बाद साल 2018 में जोशी ने अपनी पारंपरिक सीट नाथद्वारा से राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के महेश प्रताप सिंह को हराकर एक बार फिर विधानसभा में प्रवेश किया। अब इस बार फिर से वह आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में नाथद्वारा से भाजपा के विश्वराज सिंह मेवाड़ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।