नई दिल्ली। राजस्थान में 5 साल पुरानी वसुंधरा सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद अब राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए माथापच्ची जारी है। राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर फैसला जयपुर में नहीं बल्कि दिल्ली में हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पर गुरुवार को फैसला लेंगे। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दोनों उम्मीदवार सचिन पायलट और अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच गए है। फिलहाल राहुल के आवास पर बैठक जारी है। अब से कुछ देर पहले प्रियंका गांधी भी राहुल के बंगले 12 तुगलक रोड पहुंच चुकी हैं। राहुल इस समय राजस्थान के पर्यवेक्षकों के साथ मुलाकात कर रहे हैं।
इधर कांग्रेस मुख्यालय पर भी गहमागहमी बढ़ गई है। राजस्थान से आए सैकड़ों समर्थक भी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए हैं, जहां वे सचिन पायलट के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। कल भी जयपुर में इसी प्रकार की तस्वीरें सामने आई थीं जहां हजारों समर्थक सचिन पायलट के समर्थन में सामने आ गए थे और उनके पक्ष में नारे लगा रहे थे।
विधायक दल की बैठक में नहीं बनी बात
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसढ़ में चुनाव जीतने के बाद बुधवार को तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक हुई जिसमें विधायकों की रायशुमारी के बाद सीएम के नाम पर अंतिम फैसला राहुल गांधी पर छोड़ा गया है। सबसे ज्यादा उलझन राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर है। राजस्थान में बुधवार को 9 घंटे से ज्यादा मीटिंग चली लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट में किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बन सकी।
पायलट गहलोत के बीच खींचतान
कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप चाहती है कि अशोक गहलोत चीफ मिनिस्टर बनें, लेकिन ज्यादातर विधायक सचिन पायलट के पक्ष में हैं इसलिए राजस्थान में भी खींचतान काफी बढ़ गयी है। सीनियर नेताओं को अशोक गहलोत के नाम पर सहमति बनाने में मुश्किल हो रही है। कल विधायकों की बैठक के बाद राजस्थान के नेताओं ने गुरुवार को राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है। राहुल से मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा।
असमंजस बरकरार
मंगलवार दिन भर जयपुर में काफी गहमागहमी रही। हालात ऐसे हो गए थे कि जब विधायकों के साथ बैठक में फैसला नहीं हो पाया तो देर शाम कांग्रेस दफ्तर में सीनियर नेताओं ने अलग से भी बैठक की, इसमें नए चुनकर आए विधायकों को नहीं बुलाया गया। लेकिन फिर भी चीफ मिनिस्टर के नाम का ऐलान नहीं हुआ... इसके बाद सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही राजभवन पहुंचे, बिना विधायक दल का नेता चुने, दोनो ने राज्यपाल से मुलाकात की सरकार बनाने का दावा पेश किया।