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राजस्थान विधानसभा चुनाव: सचिन पायलट ने कहा, हमने माहौल बदलने के लिए काफी पसीना बहाया है

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पिछले 4 वर्ष की अपनी मेहनत को रेखांकित करते हुए कहा है कि 'हमने (पार्टी ने) राज्य में माहौल बदलने के लिए बहुत पसीना बहाया है।

Reported by: Bhasha
Published on: October 14, 2018 13:20 IST
Sachin Pilot | Facebook- India TV Hindi
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जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर कांग्रेस में तनातनी के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। इस बीच राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पिछले 4 वर्ष की अपनी मेहनत को रेखांकित करते हुए कहा है कि 'हमने (पार्टी ने) राज्य में माहौल बदलने के लिए बहुत पसीना बहाया है। प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद मैं पहले दिन से ही, चुनावी मोड में काम कर रहा हूं।’ राजस्थान में चुनावी संभावनाओं पर हाल ही में आए कुछ सर्वेक्षणों में कांग्रेस को आगे बताया गया है। 

गौरतलब है कि कांग्रेस ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए अभी अपना चेहरा घोषित नहीं किया है। पायलट के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत को इस पद के लिए प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। राजस्थान में अगली विधानसभा के लिए मतदान 7 दिसंबर को होना है। पायलट ने दावा किया है कि कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेशाध्‍यक्ष के रूप में उनकी बीते साढ़े चार साल की कमाई कार्यकर्ताओं व आम जनता से जज्बाती व जमीनी रिश्ता है और इसी रिश्‍ते के दम पर कांग्रेस को भावी विजेता के रूप में देखा जा रहा है। 

पायलट के मुताबिक, यह वही कांग्रेस है जिसे पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राजनीतिक पंडितों ने एक राजनीतिक ताकत के तौर पर खारिज कर दिया था। उल्लेखनीय है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 200 में से केवल 21 सीटों पर जीत पाई। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे और करारा झटका लगा जब राज्य की सभी 25 सीटें भाजपा की झोली में चली गईं। पायलट को जनवरी 2014 में प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने तब से राज्य में माहौल बदलने के लिए बहुत पसीना बहाया है।

पायलट का कहना था कि लोगों के जहन में जगह बनाना एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा 'मैं पहले ही दिन से ही आशावान था। मैंने जिस दिन कार्यभार संभाला, उसी दिन से इलेक्शन मोड में हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि आखिर के साल छह महीने में काम करने का कोई मतलब नहीं होता। तब लोग समझते हैं कि चुनाव के लिए कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि 2013 के विधानसभा व 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने राज्य में खुद को नए सिरे से खड़ा किया और इस दौरान 22 सीटों के लिए हुए उपचुनावों में से 20 में कांग्रेस जीती। इसमें 2 लोकसभा क्षेत्र भी हैं।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2014 में प्रदेशाध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद साढे़ चार साल में वह राज्य में लगभग पांच लाख किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान कांग्रेस ने रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई, सकारात्मक राजनीति की और जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पायलट ने कहा, ‘हमने लोगों को विश्वास दिलाया कि आम जनता के मुद्दों पर कांग्रेस कभी समझौता नहीं करती। यह लंबा संघर्ष रहा। मैं सौभाग्यशाली अध्यक्ष हूं कि लगभग 5 साल के मेरे कार्यकाल में जितना सहयोग, स्नेह तथा समर्थन मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का मिला, वह इससे पहले शायद ही किसी पार्टी अध्यक्ष को मिला हो।’

आगामी विधानसभा चुनाव में संभावित प्रत्याशियों के लिए कोई मापदंड तय किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई मापदंड तय नहीं किया गया है लेकिन पार्टी जिताऊ चेहरों पर दांव लगाएगी। उन्होंने कहा,‘हमने मापदंड तय नहीं किए हैं। हमारा तो यही मानना है कि जीतने वाला उम्मीदवार होना चाहिए, ऐसा जो (चुनाव) जीत सके। (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी कह ही रहे हैं कि हमें युवा लोगों को आगे लाना चाहिए।’

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