राजस्थान की सत्ता में नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री के तौर पर सचिन पायलट की ताजपोशी सोमवार को की गई। जयपुर के अल्बर्ट हॉल में भव्य तौर पर दोनो को गवर्नर कल्याण सिंह ने शपथ दिलाई। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आलावा सहयोगी घटक दल के शरद यादव, फारुक अब्दुल्ला, बाबुलाल मरांडी, जीतनराम मांझी, हेमन्त सोरेने चन्द्र बाबु नायडु समेत तमाम नेता मंच पर मौजूद थे। अंग्रेजी हुकुमत के प्रतीक रहे अलर्ट हॉल पर पहली बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस ने इतने भव्य तरीके से राजस्थान मे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया हो। गुलाबी शहर मे पहली बार विपक्षी एकता का महाकुम्भ देखने को मिला, ये तस्वीर 2019 के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर मानी जा रही है। शपथ के बाद अब तैयारी मंत्रिमंडल विस्तार की है।
शपथ ग्रहण के बाद अब राजस्थान मे मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी की जा रही है। खबरों के मुताबिक जिस तरह से राजस्थान मे मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर राहुल गांधी से राय मश्विरा किया गया, ठीक उसी तरह से मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भी राहुल गांधी से राय ली जाएगी। अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही अपने खेमे के नेताओं को मंत्रिमंडल मे तरजीह देने की कोशिश कर रहे है। यही वजह है कि शपथ सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की दिलाई गयी है।
सचिन पायलट गृह मंत्रालय के लिए अड़े
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विभागों का जो बंटवारा किया जा रहा है उसके लिए उपमुख्यमंत्री सचिन पायल ने पहले ही डिमांड रखी है कि राजस्थान के गृह विभाग की जिम्मेदारी उनको दी जाय और उनके करीबी 8 से विधायको को मंत्रिमंडल मे जगह मिले। ये भी बताया जा रहा है कि 15-15 मंत्री दोनों के बनाए जाएंगे।
अशोक गहलोत के करीबी नेताओं के नाम
तारानगर विधानसभा से नरेन्द्र बुढानिया, धोद से परसराम मोरदिया, सीकर से राजेन्द्र पारिख, झोटवाड़ा से लालचन्द कटारिया, किशनपोल से महेश जोशी, भरतपुर से विश्वेन्द्र सिंह, कोटा से शांती धारीवाल, महेन्द्र चौधरी, हरीश चौधरी, सुखराम विश्नोई और बांसवाड़ा से महेन्द्रजीत मालवीय। ये वो विधायक है जो अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाते है और पूर्व गहलोत सरकार मे कई मंत्री भी रह चुके है। लिहाजा अशोक गहलोत इन्हें मंत्रीमंडल मे शामिल करने की पहले कोशिश करेंगे।
सचिन पायलट खेमे के विधायक
झुंझनु से बृजेन्द्र ओळा, विराटनगर से इन्द्रराज गुर्जर, बगरु से गंगादेवी, राजगढ से जोहरी लाल मीणा, कामा से जाहिदा खान, वैर से भजनलाल जाटव, टोडाभीम से पृथ्वीराज मीणा, हिंडोन से भरोसीलालमीणा, बांदीकुई से गजराज खटाणा , सवाईमाधोपुर से दानिश अबरार, मसूदा से राकेश पारिक, परबतसर से राम निवास गावणिया, अंता से प्रमोद जैन भाया, सुजानगढ से मास्टर भंवरलाल मेघवाल और सिविल लाईंस से प्रताप सिंह खाचरियावास
ये वो नाम है जो सचिन पायलट के करीबी माने जाते है, और जो टिकट देने से लेकर विधायक बनने तक पायलट के साथ खड़े रहे। अब मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त यह अपनी दावेदारी जता रहे है। इन नामो के साथ ही शुरु होगी आपसी खेमेबंदी जिसमे ये माना जा रहा है कि दोनो धड़ो के नेता ही अपने-अपने नेता को समर्थन करेंगे।