Highlights
- सगड़ी विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 3 हजार 528 है
- सगड़ी सीट पर 7 मार्च को वोटिंग होगी
- पाला बदल कर भाजपा में शामिल हुई विधायक वंदना सिंह
नोएडाः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सूबे में सियासी माहौल पूरे ऊफान पर है । अखिलेश के नेतृत्व वाली सपा इस बार प्रदेश की सत्तारूढ़ बीजेपी को कढ़ी टक्कर देने की कोशिश कर रही है । वहीं कांग्रेस और बसपा प्रदेश में अपनी जड़े मजबूत करने में लगे हुए हैं । उत्तर प्रदेश की जनता अच्छी तरह से जानती है कि वो इस बार यूपी की सत्ता में किसे बैठा देखना चाहती है । इस बीच सपा के गढ़ आजमगढ़ जिले की सगड़ी विधानसभा में चुनावी मौसम का हाल जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम इलाके की जनता के बीच पहुंची. जहां स्थानीय लोगों ने चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
क्या बोली सगड़ी की जनता?
सगड़ी की जनता ने बताया कि वर्तमान योगी सरकार में इस विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे सूबे में विकास कार्य हुआ है । यहां स्वास्थ्य, परिवहन, सड़क जैसे बुनियादी जरूरतों को बेहतर किया गया है । इसके अलावा पूरे यूपी में जहां पहले गुंडों का राज हुआ करता था । अब वहां पर कानून का राज चलता है । लेकिन इसके उल्ट एक युवक का कहना था कि इस सरकार में उन्हें रोजगार नहीं मिला है । लोगों ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि उनके राज में किसानों पर अत्याचार हुआ है । वहीं कानून-व्यवस्था पहले के मुकाबले खराब हो गई है ।
सगड़ी विधानसभा सीट
आजमगढ़ की सगड़ी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की उन सीटों में शुमार हैं जहां आजतक भाजपा का खाता नहीं खुल पाया है । इस सीट पर तीन बार सपा तो चार बार बसपा ने कब्जा किया है । बता दें कि 2012 से पहले ये सीट सामान्य थी । लेकिन परिसीमन के बाद इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था । सगड़ी विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 3 हजार 528 है । यहां पर हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं । यहां पर पिछड़ी जाति के मतदाता भी अच्छी खासी तादाद में हैं । इस बार सगड़ी की जनता 7 मार्च को वोटिंग का इस्तेमाल कर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी ।
2017 का जनादेश
2017 के विधानसभा चुनाव में वंदना सिंह ने बसपा की टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ा और विजयी रही । लेकिन इस बार चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने वंदना सिंह को पार्टी से निष्काशित कर दिया था । उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था । जिसके चलते उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया । अब वंदना सिंह भाजपा में शामिल हो चुकी है ।