Friday, December 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. इलेक्‍शन न्‍यूज
  4. दूसरी लहर जैसे बनेंगे हालात? देश में Covid Third Wave का खतरा, लेकिन राजनीतिक पार्टियां क्यों चाहतीं समय पर हो चुनाव?

दूसरी लहर जैसे बनेंगे हालात? देश में Covid Third Wave का खतरा, लेकिन राजनीतिक पार्टियां क्यों चाहतीं समय पर हो चुनाव?

अब सवाल उठता है कि राजनीतिक पार्टियां क्यों चाह रही है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के दस्तक के बीच पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव हो? ऐसे कदम उस वक्त में उठाए जा रहे हैं जब हम पिछली दूसरी लहर का दंश अभी तक भूले नहीं है।

Written by: Neeraj Jha
Updated : December 29, 2021 13:26 IST
तीसरी लहर के बीच देश के...
Image Source : PTI तीसरी लहर के बीच देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव

Highlights

  • अप्रैल-मई में हुए थे बंगाल समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव
  • अप्रैल के आखिरी हफ्ते में पीक पर पहुंचा था कोरोना संक्रमण दर
  • राजनीतिक दल लगातार समय पर चुनाव कराने की कर रहे हैं वकालत

नयी दिल्ली: देश में एक तरफ ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा आंकड़ा 800 के करीब पहुंच गया है। वहीं, दैनिक कोविड के मामलों भी उछाल देखने को मिल रहा है। जिससे अब एक्सपर्ट मान रहे हैं कि हम कोरोना महामारी की तीसरी लहर के करीब आ पहुंचे हैं। लेकिन, इस बीच जो सबसे चिंता की बात है वो ये कि अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन, ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच भी सभी राजनीतिक दल एक स्वर में विधानसभा चुनाव कराने की वकालत कर रहे हैं। एक तरफ भाजपा लगातार रैलियां कर रही है। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों कहा कि जब पीएम मोदी रैलियां और परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास कर रहे हैं फिर चुनाव क्यों नहीं? पांचों राज्यों में समय पर चुनाव होने चाहिए।

चुनाव आयोग भी तीन दिन के यूपी दौरे पर है। आज आयोग का दूसरा दिन है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से राज्य में 2022 के विधानसभा चुनावों में देरी नहीं करने का आग्रह किया। ये हालात तब है जब राज्य में कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। यूपी में नाइट कर्फ्यू लागू है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय और चुनाव आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने लखनऊ में राष्ट्रीय और क्षेत्रिय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जे.पी.एस. राठौर ने किया। नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधिमंडल, मेवालाल गौतम के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रतिनिधिमंडल, ओंकार नाथ सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल और अनिल दुबे के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक दल आरएलडी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से चुनाव कराने का आग्रह किया।

अब सवाल उठता है कि राजनीतिक पार्टियां क्यों चाह रही है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के दस्तक के बीच पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव हो? ऐसे कदम उस वक्त में उठाए जा रहे हैं जब हम पिछली दूसरी लहर का दंश अभी तक भूले नहीं है। जिसमें हजारों बच्चें अनाथ हो गएं। लाखों लोगों ने अपनी जानें गवाई। अब देखना होगा कि राजनीतिक दल, राज्य और केंद्र सरकार बढ़ते मामले के बीच किस तरह के कदम उठाती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ही इस बाबत टिप्पणी की थी कि जान है तो जहान है, चुनाव कराने पर केंद्र को सोचना चाहिए।

अप्रैल-मई के महीने में देश के हालात कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से भयावह साबित हुए थे। उस वक्त पश्चिम बंगाल समेत अन्य पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव थे। लेकिन, राजनीतिक दलों ने समय रहते ना तो रैलियों पर पाबंदियां लगाई और ना ही चुनाव आयोग ने इस पर कोई सख्त कदम उठाया। आलम ये हुआ कि दूसरी लहर में अब तक कुल कोरोना से हुई मौत के मामले में आधे लोगों ने अपनी जानें गंवाई। बेड्स से लेकर अस्पताल और शमसान तक हालात झकझोरने वाला हो चला था। ऑक्सीजन की किल्लत ने देश की आबादी को नई मुसीबत में डाला। लोग अस्पताल के बाहर सांस तोड़ने पर विवश थे। परिजन ऑक्सीजन सिलिंडर ले इधर-उधर भाग रहे थे।

इधर राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की बैठक के बाद बैठक के बाद, सपा की राज्य यूनिट के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा, "सपा ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए कड़े नियमों के बीच विधानसभा चुनाव कराएं। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग को विधानसभा चुनाव पर संदेह दूर करना चाहिए।" भाजपा की राज्य यूनिट के उपाध्यक्ष राठौर ने कहा कि विधानसभा चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार होने चाहिए, लेकिन अंतिम फैसला चुनाव आयोग को करना है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। इस बीच, कांग्रेस ने चुनाव से पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पद से हटाने की मांग की। कांग्रेस ने ओंकार नाथ सिंह, वीरेंद्र मदन और मोहम्मद अनस खान द्वारा हस्ताक्षरित ईसीआई को एक पत्र में कहा, "एसीएस होम अवनीश कुमार अवस्थी चुनाव प्रबंधन का हिस्सा नहीं होंगे, उनका तबादला आदर्श आचार संहिता से पहले किया जाए। यह पब्लिक डोमेन में है कि एक सरकारी अधिकारी होने के बावजूद, वह केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट्स को रीट्वीट करते हैं। वह पीएम के कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं को रीट्वीट कर उनकी तारीफ करते रहते हैं।"

रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा, "ईसीआई को 80 साल से ऊपर के मतदाताओं की एक सूची देनी चाहिए।" सपा ने दावा किया है कि राज्य में 40 लाख ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है। बसपा ने आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू करने की मांग की।

अब देखना होगा कि क्या चुनाव आयोग कोई कड़े कदम उठाता है या राजनीतिक दल पिछली गलतियों से सीख लेते हुए आगे आती है? क्योंकि, देश में कोरोना के सक्रिय मामले 80 हजार के करीब हो गया है। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य महानगरों में 6 महीने बाद फिर से हालात गंभीर नजर आ रहे हैं। मामले में 40 से 50 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की जा रही है। दिल्ली में येलो अलर्ट के तहत कई तरह की गतिविधियों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं, अन्य कई राज्यों में नाइट-कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

इनपुट- आईएएनएस

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News News in Hindi के लिए क्लिक करें लोकसभा चुनाव 2024 सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail