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Uttarakhand Election 2022: चुनावी नतीजे आने से पहले ही उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस सक्रिय

चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयवर्गीय के प्रदेश में आगमन के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और नेताओं के बीच बैठकों और विचार विमर्श के बढ़ते दौर को भाजपा के 36 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर रहने की स्थिति में बहुमत जुटाने का फार्मूला निकालने का प्रयास माना जा रहा है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 07, 2022 17:28 IST
Congress and BJP Flag
Image Source : FILE PHOTO Congress and BJP Flag 

Highlights

  • उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को एक चरण में हुआ था मतदान
  • उत्तराखण्ड में लगभग 62.5 प्रतिशत मतदान हुआ- चुनाव आयोग
  • 70 सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 36 है

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनावों का परिणाम आने से पहले ही भाजपा नेताओं और रणनीतिकारों ने प्रदेश के संभावित चुनाव परिदृश्य को लेकर आपस में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। भाजपा रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को यहां पहुंचने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से उनके आवास पर भेंट की तथा 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों को लेकर विचार विमर्श किया। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ भी चर्चा की। इसके अलावा, उत्तराखंड मामलों के पार्टी प्रभारी प्रह्लाद जोशी तथा अन्य नेताओं के साथ भी विजयवर्गीय की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है।

चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयवर्गीय के प्रदेश में आगमन के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और नेताओं के बीच बैठकों और विचार विमर्श के बढ़ते दौर को भाजपा के 36 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर रहने की स्थिति में बहुमत जुटाने का फार्मूला निकालने का प्रयास माना जा रहा है। अगर चुनावी नतीजों में खंडित जनादेश सामने आया और कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में से किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो निर्दलीय तथा बसपा, सपा और उत्तराखंड क्रांति दल के ‘विधायकों’ की सरकार बनाने में भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।

माना जाता है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की बगावत में विजयवर्गीय ने अहम भूमिका निभाई थी और अब उनके आने को इसी नजरिये से देखा जा रहा है । यहां राजनीतिक प्रेक्षक जेएस रावत का मानना है कि नतीजों से पहले ही विजयवर्गीय जैसे रणनीतिकारों के आने से यह स्पष्ट है कि 60 से अधिक सीटें जीतने के दावे के विपरीत भाजपा अब स्पष्ट बहुमत मिलने को लेकर भी आश्वस्त नहीं है और ऐसी स्थिति में उसे निर्दलीयों तथा अन्य दलों के विधायकों का समर्थन लेना पड़ेगा।

इस प्रकार की अटकलों को हवा देते हुए बदरीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि जीतने की प्रबल संभावनाओं वाले कई कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के संपर्क में हैं और देश को कांग्रेस-मुक्त बनाने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में आवश्यकता पड़ने पर उनका समर्थन लिया जा सकता है। हालांकि, भट्ट ने उम्मीद जताई कि भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेगी और उसे किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कांग्रेस भी चुनाव नतीजों के बाद उभरने वाली संभावनाओं पर विचार कर रही है। पार्टी महासचिव और प्रदेश में पार्टी के चुनाव संचालन के प्रभारी हरीश रावत भी केंद्रीय नेताओं से चुनाव बाद के परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में हैं। चुनावों के दौरान सक्रिय रहे कई केंद्रीय नेताओं के एक-दो दिन में यहां पहुंचने की संभावना है, जिससे वे अंतिम क्षणों में पार्टी में होने वाली संभावित टूट-फूट पर नजर रख सकें और दल-बदल न हो सके। ‘संभावित’ सरकार बनाने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए आ रहे कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के लिए यहां राजपुर रोड स्थित एक होटल में कमरे बुक कराए जा चुके हैं। 

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