Highlights
- सिराथू के लोगों ने कहा- बेटा नहीं बहू चाहिए?
- पल्लवी पटेल के खिलाफ उनकी बहन कर चुकी हैं प्रचार
- केशव प्रसाद को पल्लवी पटेल से मिल रही बड़ी चुनौती
कौशांबी ज़िले की सिराथू विधानसभा सीट राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। इस सीट की चर्चा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां से BJP ने यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, दूसरी तरफ सपा-अपना दल गठबंधन की ओर से पल्लवी पटेल को टिकट दिया गया है। केशव प्रसाद मौर्य के सामने सपा गठबंधन प्रत्याशी की राह आसान नहीं होगी। BJP संगठन की मोर्चेबंदी को तोड़ पाना उनके लिए बड़ी चुनौती है। पल्लवी पटेल बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रही हैं। वह खुद को कौशांबी की बहू कहकर लोगों के दिल में पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हैं। वहीं बसपा से मुंसब अली उस्मानी के आने से मुकाबला रोचक हो गया है। अब जनता क्या सोचती है? जनता को बहू चाहिए या बेटा? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम सिराथू विधानसभा पहुंची थी। चर्चा के दौरान कुछ जनता पल्लवी पटेल का समर्थन करते दिखी। लेकिन ज्यादातर जनता केशव प्रसाद मौर्य के पक्ष में जाती दिखी।
बहन के खिलाफ प्रचार कर चुकी हैं अनुप्रिया पटेल
पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं। अनुप्रिया पटेल बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है, तो पल्लवी पटेल सपा के साथ हैं। पल्लवी पटेल के पक्ष में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डिंपल यादव से लेकर राज्यसभा सदस्य जया बच्चन तक प्रचार कर चुकी हैं। वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने केशव प्रसाद के पक्ष में सिराथू की जनता से वोट मांग चुके हैं। यही नहीं पल्लवी पटेल के खिलाफ उनकी बहन अनुप्रिया पटेल भी केशव को जिताने के लिए सिराथू सीट पर प्रचार कर चुकी हैं।
सिराथू सीट केशव प्रसाद मौर्य की पारंपरिक सीट है
सिराथू सीट केशव प्रसाद मौर्य की पारंपरिक सीट रही है। केशव प्रसाद बीजेपी के बड़े OBC नेताओं में से एक माने जाते हैं और पार्टी का OBC चेहरा हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सिराथू के ही रहने वाले हैं। यहां की जनता ने 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पहली बार जीताकर विधानसभा भेजा था और 2014 में फूलपुर से सांसद बने थे। 2017 में बीजेपी ने उनकी अगुआई में चुनाव जीता तो सूबे में डिप्टी सीएम बने।