Highlights
- जखनियाँ में ओमप्रकाश राजभर हैं BJP की बड़ी चुनौती?
- 2017 में अकेले जीत नहीं पाई थी BJP
- क्या इस बार BJP अपने दम पर जीतेगी यह सीट?
जखनियाँ विधानसभा सीट गाजीपुर जिले के अंतर्गत आती है। यहां 1967 से 2017 तक BJP का खाता नहीं खुला। 2017 में सुभासपा पार्टी के त्रिवेणी राम विधायक बने थे। 2017 में BJP और सुभासपा के बीच गठबंधन था। यहां सपा-बसपा की जीत-हार होती रही है। इस क्षेत्र में दलित वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर यादव वोटर हैं। राजभर और चौहान वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं। जखनियाँ विधानसभा की गिनती पिछड़े इलाके में होती है। 2022 में विधायक चुनने के लिए लिए यहां 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। इस बार यहां की जनता किसके सिर जीत का ताज सजाने वाली है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जखनियाँ विधानसभा पहुंची थी। बातचीत के दौरान यहां की जनता ने कई मुद्दे उठाए। कृषि प्रधान इस विधानसभा क्षेत्र में प्राचीन सूफी परंपरा क भुड़कुड़ा मठ है। हथियाराम मठ और बुढ़िया माई का मंदिर भी इसी इलाके में है, जहां असाध्य कुष्ठ रोगियों का मुफ्त में इलाज किया जाता है। यहां की मुख्य समस्या बेरोजगारी है। इसलिए यहां से पलायन भी खूब होता है।
एससी-एसटी बाहुल्य क्षेत्र
जखनियाँ विधासभा में करीब चार लाख मतदाता हैं। इस विधानसभा सीट को एससी-एसटी बाहुल्य माना जाता है। अनुमानों के मुताबिक इस क्षेत्र में यावद, राजभर और चौहान मतदाता चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यहां कुशवाहा, राजपूत, वैश्य, मुस्लिम, ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं।
विधायक के दावे में कितनी सच्चाई?
जखनियाँ सीट से विधायक त्रिवेणी राम का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है। अब विधायक के दावे में कितनी सच्चाई है? यहां की जनता से आप भी सुनिए।