Highlights
- साहिबाबाद विधानसभा सीट पर दो पुराने प्रतिद्वंदियों के बीच मुकाबला होने के आसार
- कांग्रेस ने साहिबाबाद सीट से संगीता त्यागी को उम्मीदवार बनाया
- समाजवादी पार्टी ने अमरपाल शर्मा को बनाया उम्मीदवार
Ghaziabad Shahibabad Vidhan Sabha Seat Chunav: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद सीट को आबादी के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी विधानसभा सीट कहा जाता है। यहां पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटी गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा सीट पर एकबार फिर से दो पुराने प्रतिद्वंदियों के मुकाबला होने के आसार हैं। 2008 के परिसीमन के बाद साहिबाबाद विधानसभा सीट बनाई गई थी, जहां 2012 में पहली बार विधानसभा का चुनाव हुआ था। 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा के अमरपाल विधायक चुने गए थे। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार सुनील कुमार शर्मा को हराया था। इस सीट पर अबतक एक बार बसपा और एक बार भाजपा चुनाव जीत चुकी है।
जानिए कौन-कौन है मैदान में?
साहिबाबाद विधानसभा सीट पर 2017 में बीजेपी प्रत्याशी सुनील कुमार शर्मा ने बंपर जीत दर्ज की थी। यूपी 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक सुनील शर्मा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने साहिबाबाद सीट से संगीता त्यागी को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने बहुचर्चित गजेंद्र भाटी हत्याकांड में आरोपी और पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को साहिबाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं बसपा ने मेरठ मंडल के सेक्टर प्रभारी अजीत कुमार पाल को साहिबाबाद विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया है।
2017 में भाजपा के सुनील कुमार शर्मा ने कांग्रेस के अमरपाल को हराया था
2017 में साहिबाबाद विधानसभा सीट में कुल 253532 यानी 60.47 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी अमरपाल को करीब 1.50 लाख वोट के अंतर से हराया था। 2017 के चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा को कुल 2,62,741 वोट (62.12 प्रतिशत), दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के अमरपाल को 1,12,056 (26.50 प्रतिशत) वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा के जलालुद्दीन को 41654 (9.85 प्रतिशत) वोट मिले। वहीं 3057 लोगों ने नोटा (None of the Above) का बटन दबाया था। साहिबाबाद विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, वैश्य, दलित, मुस्लिम और ठाकुर मतदाता सबसे ज्यादा हैं।