Highlights
- प्रियंका एक खुली कार में बैठी थीं, जबकि अखिलेश चुनाव प्रचार के लिए खास तौर से डिजाइन बस में यात्रा कर रहे थे।
- दोनों नेताओं का काफिला जब अमने-सामने से गुजरा तो उन्होंने अपने-अपने वाहनों से हाथ हिलाकर दुआ-सलाम किया।
- अखिलेश के साथ मौजूद उनके गठबंधन के सहयोगी RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी प्रियंका का अभिवादन किया।
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार को बुलंदशहर में आमना-सामना हुआ। दोनों नेताओं का काफिला जब अमने-सामने से गुजरा तो उन्होंने अपने-अपने वाहनों से हाथ हिलाकर दुआ-सलाम किया। प्रियंका एक खुली कार में बैठी थीं, जबकि अखिलेश चुनाव प्रचार के लिए खास तौर से डिजाइन बस में यात्रा कर रहे थे। दोनों नेताओं की मुलाकात जहांगीराबाद इलाके में हुई।
अखिलेश के साथ जयंत भी थे मौजूद
जब इन नेताओं का आमना-सामना हुआ तो अखिलेश के साथ समाजवादी पार्टी की गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी भी थे। दोनों नेताओं ने अपनी बस की छत से प्रियंका का अभिवादन किया और प्रियंका ने भी उन्हें इसका जवाब दिया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया, ‘प्रियंका गांधी बुलंदशहर के स्याना इलाके में अपनी जीप से प्रचार कर रही थीं। इसी दौरान सड़क के दूसरी ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का रथ भी गुजर रहा था। प्रियंका को सामने देख अखिलेश ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।’
अखिलेश ने ट्विटर पर साझा की तस्वीर
कुमार ने बताया कि इस दौरान अखिलेश के साथ मौजूद उनके गठबंधन के सहयोगी RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी प्रियंका का अभिवादन किया। जवाब में प्रियंका ने भी हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर उनका अभिवादन स्वीकार किया। प्रियंका एक खुली जीप में बैठी थीं, जबकि अखिलेश चुनाव प्रचार के लिए खास तौर से डिजाइन बस (रथ) में यात्रा कर रहे थे। दोनों नेताओं की इस दुआ-सलाम से उनके समर्थक काफी खुश नजर आए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अखिलेश ने अपने ट्विटर हैंडल से इस नजारे की फोटो साझा करते हुए लिखा है ‘एक दुआ-सलाम ~ तहजीब के नाम।’
चर्चा का विषय बना दोनों नेताओं का अंदाज
प्रियंका और अखिलेश का यह अंदाज चर्चा का विषय बना हुआ है। सपा और कांग्रेस इस इस बार साथ मिलकर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन दोनों के बीच राजनीतिक तालमेल जरूर नजर आ रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने करहल सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसी तरह जसवंत नगर सीट पर भी कांग्रेस ने अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। दूसरी ओर, सपा ने भी कांग्रेस के परंपरागत गढ़ माने जाने वाली अमेठी और रायबरेली से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।