Highlights
- सपा के उम्मीदवारों को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कसा तंज
- समाजवादी पार्टी की सूची नई है लेकिन अपराधी वो ही हैं- बृजेश पाठक
- समाजवादी पार्टी की मजबूरी है, गुंडों अपराधियों को प्रत्याशी बनाना जरूरी है- संबित पात्रा
Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से जारी की गई लिस्ट को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने तंज कसा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि 'समाजवादी पार्टी की मजबूरी है, गुंडों अपराधियों को प्रत्याशी बनाना जरूरी है.. लिस्ट नई, अपराधी वही!!'
वहीं सपा ने रामपुर से आजम खां को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो इस समय जमीन हथियाने, अतिक्रमण करने और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के आरोप में जेल में बंद है। इधर, बीते कई दिनों से सुर्खियों से आए कैराना से सपा ने नाहिद हसन को मैदान में उतारा है। नाहिद हसन गैंगस्टर एक्ट के तहत में जेल में बंद हैं। इसके साथ ही सपा ने स्वार विधानसभा सीट से आजम खां के बेटे अब्दुल्ला को टिकट दिया है, जोकि हाल ही में जेल से बाहर आए हैं।
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची पर उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सूची नई है लेकिन अपराधी वो ही हैं, सूची में दंगे के अपराधी, गैंगस्टर, जिन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लग चुका है वो लोग और मनी लॉन्ड्रिंग तक के अपराधी हैं।
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा की लिस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'सपा की लिस्ट नई अपराधी माफ़िया दंगाई भ्रष्टाचारी व्यभिचारी वही, जन जन की यही पुकार फिर एक बार भाजपा सरकार।'
भाजपा ने अभी तक यूपी चुनाव के लिए 109 उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से 37 पर क्रिमिनल केस है। वहीं, सपा ने अभी तक 20 ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। समाजवादी पार्टी के एक उम्मीदवार पर तो 38 मामले दर्ज हैं। समाजवादी पार्टी ने सरधना (मेरठ) से अतुल प्रधान को अपना प्रत्याशी बनाया है, पार्टी की ओर से बताया गया कि अतुल प्रधान के खिलाफ 38 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। सपा ने अतुल को टिकट देने की वजह बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ लंबित अधिकांश मामले सार्वजनिक हित और चुनावी कानूनों से जुड़े हैं।
चुनाव आयोग के निर्देश पर दागी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई है
बता दें कि, भारत निर्वाचन आयोग के नए निर्देश के मुताबिक, राजनीतिक दलों को सार्वजनिक रूप से यह घोषित करना होगा कि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले कितने लोगों को टिकट दिया है और किन कारणों से बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में नहीं चुना जा सकता है। इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 20 उम्मीदवारों को उनके आपराधिक मामलों की डिटेल्स और उन्हें चुनने के कारण के साथ सूचीबद्ध करते हुए एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया है। वहीं बीजेपी की यूपी इकाई ने अपने 37 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों की डिटेल अपनी वेबसाइट पर शेयर की है। उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होने हैं।