Highlights
- यूपी में कई सीटों पर बीजेपी और सपा गठबंधनों के बीच जीत व हार का फैसला 500 से भी कम मतों के अंतर से हुआ।
- वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर जीत और हार का फासला एक हजार से कम मतों का था।
- बिजनौर की चांदपुर सीट पर भी जबदरस्त मुकाबला देखने को मिला लेकिन जीत अंतत: सपा के स्वामी ओमवेश को मिली।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की और समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधनों के बीच बेहद कांटे का मुकाबला हुआ और जीत व हार का फैसला 500 से भी कम मतों के अंतर से हुआ। चुनावी नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 11 सीटों पर जीत और हार का अंतर 500 मतों का रहा जबकि डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी रहीं जहां हार और जीत का फैसला एक हजार के करीब मतों के अंतर से हुआ।
2017 में 8 सीटों पर हुआ था करीबी मुकाबला
बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवारों ने 7 सीटों पर सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को 500 से भी कम मतों के अंतर से शिकस्त दी, वहीं सपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने इसी तरह 4 सीटों पर बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवारों को पराजित किया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर जीत और हार का फासला एक हजार से कम मतों का था। इनमें से 5 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को जबकि 2 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और एक सीट पर सपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी।
203 मतों के अंतर से जीते अशोक कुमार राणा
पिछले चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला डुमरियागंज सीट पर हुआ था। यहां बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सपा की सैयदा खातून को 171 मतों से पराजित किया था। इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला बिजनौर जिले की 3 और बाराबंकी की 2 विधानसभा सीटों पर हुआ। बिजनौर जिले की धामपुर विधानसभा सीट पर जबरदस्त टक्कर हुई। बेहद करीबी मुकाबले में धामपुर सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम उल हसन को सिर्फ 203 मतों से पराजित किया।
चांदपुर सीट पर भी हुआ जबरदस्त मुकाबला
बिजनौर की चांदपुर सीट पर भी जबदरस्त मुकाबला देखने को मिला लेकिन जीत अंतत: सपा के स्वामी ओमवेश को मिली। उन्होंने बीजेपी के कमलेश सैनी को 234 मतों से हराया। इसी जिले की नहटौर सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ और कई दौर की उठापटक के बाद आखिरकार भाजपा के ओमकुमार ने रालोद के मुंशीराम को 258 मतों से हराया। बाराबंकी जिले की कुर्सी विधानसभा सीट पर भी बेहद कांटे का मुकाबला हुआ। बीजेपी के सकेंद्र प्रताप ने यहां सपा के राकेश कुमार वर्मा को 217 मतों से पराजित किया।
इसौली सीट पर भी हुई कांटे की टक्कर
बाराबंकी जिले की रामनगर सीट पर सपा के फरीद किदवई ने बीजेपी के शदकुमार अवस्थी को 261 मतों से पराजित किया। सुल्तानपुर जिले की इसौली विधानसभा सीट पर भी कांटे का मुकाबला हुआ। यहां से सपा के ताहीर खान ने बीजेपी के ओम प्रकाश पांडे को 269 मतों से हराया। रामपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। यहां हुई कांटे की टक्कर के बाद बीजेपी के बलदेव सिंह औलाख को जीत मिली। उन्होंने सपा के अमरजीत सिंह को 307 मतों से शिकस्त दी।
315 वोट के अंतर से जीते कृष्णपाल मलिक
बागपत जिले की बड़ौत सीट पर भी मुकाबला कड़ा हुआ। अंतत: जीत बीजेपी के कृष्णपाल मलिक की हुई। उन्होंने RLD के उम्मीदवार जयवीर को 315 मतों से हराया। सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा में भी बीजेपी और सपा के बीच जबरदस्त टक्कर हुई। यहां से बीजेपी के मुकेश चौधरी ने सपा के धरम सिंह सैनी को 315 मतों से पराजित किया। सैनी मुख्यमंत्री योगी की सरकार में मंत्री थे और चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।
719 वोटों के अंतर से हारे शैलेंद्र यादव ललई
गोंडा जिले की कटरा विधानसभा सीट पर भी कांटे की टक्कर हुई। यहां बीजेपी के वीर विक्रम सिंह ने सपा के राजेश यादव को 357 मतों से मात दी। वहीं औरैया जिले की दिबियापुर सीट पर सपा के प्रदीप कुमार यादव ने बीजेपी के लखन सिंह राजपूत को 473 मतों से हराया। जौनपुर जिले की शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के रमेश निर्बल ने सपा के विधायक और कद्दावर नेता शैलेंद्र यादव ललाई को 719 मतों से हराया।
डुमरियागंज में सैयदा खातून ने मारी बाजी
सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज सीट पर सपा की सैयदा खातून ने बाजी मारी। कांटे के मुकाबले में उन्होंने बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह को 771 मतों से हराया। मुरादाबाद जिले की मुरादाबाद नगर सीट से बीजेपी के रितेश कुमार गुप्ता ने सपा के युसूफ अंसारी को 782 वोटों से हराया जबकि फिरोजाबाद जिले की जसराणा सीट पर हुई जबरदस्त टक्कर में जीत सपा के सचिन यादव के खाते में गई। उन्होंने बीजेपी के मानवेंद्र सिंह को 836 मतों से हराया।