Highlights
- सरकार की योजनाओं पर बेहतर ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा: टिकैत
- टिकैत बोले-किसान कानून आने वाली बीमारी थी। उसकी रोकथाम कर दी, बीमारी रुक गई
- बाहर की कंपनियां देश में आएंगी तो मजदूर, मजबूर बन जाएंगे: टिकैत
UP election में Rakesh Tikait ने India TV के Chunav Manch 2022 में कहा कि फसल सरकार खरीदती है, चुनाव आयोग नहीं खरीदता। किसान के मुद्दों पर टिकैत बोले—1968 को आधार वर्ष मानकर फसलों के भाव तय कर दो। हमारा यही कहना है कि फसलों के वाजिब दाम सरकार दे दे। टिकैत ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को सरकार लागू कर दे, तो आज भी भाव गेहूं का 3 हजार रुपए क्विंटल हो जाएगा। उन्होंने आवारा मवेशियों का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं पर बेहतर ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। उसकी राशि सही तरीके से खर्च नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बाहर की कंपनियों को लाया जा रहा है इससे हमारा नुकसान होगा, मजदूर और मजबूर बन जाएंगे। इस पर सरकार बात नहीं करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि किसान कानून आने वाली बीमारी थी। उसकी रोकथाम कर दी, बीमारी रुक गई। लेकिन किसानों की दूसरी परेशानियां कम नहीं हुई। योजनाएं सिर्फ कागजों में है। किसान के मुद्दे की बात करते—करते वे ताव में आ गए और कैमरा व कलम पर सरकार के पहरे की बात करने लगे।
किसान योजनाओं का वांछित फायदा नहीं मिल रहा: टिकैत
उन्होंने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और किसानों के कर्ज के मामले में उन्होंने कहा कि किसान हितैषी योजनाओं का वांछित फायदा नहीं मिल रहा है। एमएसपी गारंटी कानून दे दीजिए। गन्ने के मुद्दे पर टिकैत ने कहा कि गन्ने का रेट बढ़ाया नहीं, तो भुगतान कैसे ज्यादा हुआ। 14 दिन में गन्ने के रेट का भुगतान होता है। सही समय पर भुगतान करवाएं।