नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) उम्मीदवार अब्बास अंसारी पर उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी। आयोग ने अंसारी पर यह रोक सरकारी अधिकारियों के साथ ‘हिसाब बराबर’ करने की धमकी देने वाले एक भाषण को लेकर लगाई। मऊ से उम्मीदवार अब्बास अंसारी पर 24 घंटे की रोक शुक्रवार शाम सात बजे से शुरू हो गई।
अब्बास जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। चुनाव आयोग के आदेश में अब्बास अंसारी द्वारा हिंदी में दिए गए भाषण के एक वीडियो क्लिप का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों के साथ ‘हिसाब बराबर करने’ की धमकी दी। आदेश में कहा गया है, ‘आयोग ने गौर किया कि उपरोक्त बयान में विभिन्न अधिकारियों को धमकी दी गई है जिसमें वे अधिकारी भी शमिल हैं जिन्हें शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए बयान में मतदाताओं के चुनावी अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में हस्तक्षेप करने की क्षमता है।
आदेश में कहा गया है कि उम्मीदवार के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। आदेश में कहा गया, ‘आयोग उन्हें (अंसारी को) जारी चुनाव के संबंध में 04 मार्च (शुक्रवार) को शाम 7 बजे से 24 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोडशो करने और मीडिया में साक्षात्कार और भाषण (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया आदि) देने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देता है।’ अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन है।
गौरतलब है कि मऊ विधान सभा सीट पर मुख्तार अंसारी के परिवार का दबदबा माना जाता है। अभी अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी खुद मऊ सीट से विधायक हैं। उन्होंने साल 2017 के विधान सभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर मऊ से जीत हासिल की थी। इस बार उनके बेटे अब्बास विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।