Highlights
- क्या चाहता है करछना क्षेत्र का वोटर?
- क्या इस बार सपा के गढ़ में BJP करेगी सेंधमारी?
- करछना में कमल खिलाना BJP के लिए बड़ी चुनौती
प्रयागराज के करछना विधानसभा में BJP आज तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। यहां सपा नेता रेवती रमण सिंह का लंबे समय से वर्चस्व रहा है। 2017 में सपा से उज्जवल रमण सिंह विधायक चुने गए। रेवती रमण के बेटे हैं उज्जवल रमण सिंह। करछना में कमल खिलाना BJP के लिए बड़ी चुनौती है। यहां करीब साढ़े 3 लाख मतदाता हैं। इस बार सपा के गढ़ में BJP करेगी सेंधमारी? क्या चाहता है करछना क्षेत्र का वोटर? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम करछना विधानसभा पहुंची और वहां के लोगों से बात की। चर्चा के दौरान कुछ जनता सपा का समर्थन करती दिखी, तो कुछ BJP के साथ खड़ी दिखी।
क्षेत्र में विकास का दावा
करछना में किसान और मजदूर बड़ी संख्या में रहते हैं। इस क्षेत्र में गेहूं, चावल, आलू की पैदवार अच्छी होती है। इस विधानसभा में कुल करीब तीन लाख मतदाता हैं। पांच सालों में इस क्षेत्र में कितना विकास हुआ? इन सवालों के जवाब में यहां की ज्यादातर जनता कुछ बता नहीं पाती है, लेकिन विधायक का दावा है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विधायक निधि की पूरी धन राशि खर्च कर दी है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस सीट पर सपा का लंबे समय से दबदबा रहा है। प्रयागराज के दो बार सांसद रहे कुंवर रेवती रमण सिंह 1974 में इस सीट से पहली बार विधानसभा पहुंचे। इसके बाद आठ बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। रेवती रमण सिंह के सांसद निर्वाचित होने के बाद 2007 में (BSP) बसपा के आनंद कुमार और 2012 में बसपा के ही दीपक पटेल विधायक बने। दोनों ही चुनाव में रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह को हार का समाना करना पड़ा। 2017 में सपा ने फिर से उज्जवल रमण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। लगातार दो बार चुनाव हारने के बाद 2017 में उज्जवल रमण सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस बार भी उज्जवल रमण सिंह सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।