Highlights
- मनकापुर क्षेत्र में कितना हुआ विकास?
- स्कूल, कॉलेज, सड़कों का क्या है हाल?
- 2017 में BJP से रमापति शास्त्री बने विधायक
गोंडा जिले के मनकापुर विधानसभा में, 2017 के विधानसभा चुनाव में BJP से रमापति शास्त्री जीते थे। 1996 से 2012 तक यहां सपा का शासन रहा। लेकिन पिछले चुनाव में मोदी लहर में यह सीट BJP के खाते में आ गई। इस सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। आजादी के बाद से लेकर अब तक यहां कांग्रेस 11 बार चुनाव जीत चुकी है। मनकापुर विधानसभा सुरक्षित सीट है। यहां कुल वोटरों की संख्या साढ़े तीन लाख के करीब है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर हैं। मनकापुर क्षेत्र में कितना हुआ है विकास? स्कूल, कॉलेज, सड़कों का क्या है हाल? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मनकापुर विधानसभा पहुंचकर यहां को लोगों से बातचीत की। इस दौरान यहां के कुछ लोग मौजूदा विधायक और सरकार से काफी नराज़ दिखे, तो ज्यादातर लोग सरकार के काम से संतुष्ट से नज़र आए। वहीं किसान आवारा पशुओं से परेशान दिखे। वहीं कोटेदार ने सरकार से कमीशन बढ़ाने की मांग की।
इस सीट पर राजघराने का रहा प्रभाव
आज़ादी के बाद भी इस विधानसभा सीट पर राजघराने का प्रभाव रहा। सूबे की राजनीति में अपनी मजबूत दखल रखने वाले राजा कुंवर आनंद सिंह कांग्रेस का बड़ा सियासी चेहरा हुआ करते थे। कुंवर आनंद सिंह पूरे पूर्वांचल में कांग्रेस का टिकट बांटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। 1967 तक राजघराने की ही यहां जीत होती रही। लेकिन सीट आरक्षित होने के बाद राजघराना सीधे तौर पर चुनावी मैदान से दूर हो गया, लेकिन इसके बावजूद राजघराने ने जिसको आशीर्वाद दिया वही यहां पर जीत दर्ज करता रहा।
सीट के सियासी आंकड़े
मनकापुर में 1985 और 1989 में कांग्रेस से रामबिष्णु आजाद ने जीत हासिल की। 1991 में बीजेपी से छेदीलाल जीते। 1993 में कांग्रेस से रामबिष्णु आजाद फिर से जीत गए। 1996, 2002 और 2007 में रामबिष्णु आजाद सपा से जीत दर्ज किए। 2012 में सपा से बाबूलाल कोरी जीते। 2017 में बीजेपी से रमापति शास्त्री ने जीत हासिल की. एक बार फिर बीजेपी ने रमापति शास्त्री पार दांव खेला है और वह मैदान में हैं।