Highlights
- बस्ती की जनता ने खोली भ्रष्टाचार की पोल
- चाय और पान की दुकानों पर चुनावी चर्चा तेज़
- आधी आबादी की बात क्यों नहीं?
बस्ती सदर में छठे चरण में 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। यहां करीब चार लाख वोटर रहते हैं। इस सीट पर बदलाव की परंपरा रही है। 2017 में यहां BJP ने अपना खाता खोला था। बस्ती की जनता ने दयाराम चौधरी को विधानसभा भेजा था। इससे पहले यहां कांग्रेस-बसपा का कब्जा रहा है। यहां ब्राह्मण और मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है। ठाकुर, यादव, कुर्मी वोटरों की भी अच्छी तादाद है। पांच सालों में यहां इतना कितना हुआ बदलाव? क्या इस बार टूटेगी बदलाव की परंपरा? फिर से BJP या कोई और? जनता का मूड समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम बस्ती सदर पहुंचकर लोगों से बात की। इस दौरान यहां कुछ जनता ऐसी मिली जिनको विकास ही विकास दिखता है, तो कुछ ने कहा कि क्षेत्र में भ्रष्टाचार ज्यादा है। सड़कों में गड्ढे हैं।
चाय और पान की दुकानों पर चुनावी चर्चा
बस्ती में जिधर देखिए उधर बस चुनाव की ही चर्चा चल रही है। चाय की दुकान हो या पान की दुकान यहां आने वाला हर कोई चुनाव को लेकर भविष्यवाणी करते नज़र आ रहा है। कोई बोल रहा है ‘अबकी बार सपा सरकार, तो कोई बोल रहा है ये बार भी BJP सरकार।‘ लोग विधानसभा में विकास के मुद्दे पर भी खूब बात करते नज़र आ रहे है। कोई नौकरी नहीं मिलने की शिकायत कर रहा है तो कोई मंहगाई का मुद्दा उठा रहा है।
आधी आबादी की बात क्यों नहीं?
बस्ती में चुनावी चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन आधी आबादी की बात यहां कोई नहीं कर रहा। साल 1985 के बाद से, यहां से किसी भी महिला को विधानसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला है। यही नहीं आजादी के बाद से यहां कुल 17 विधानसभा हुए हैं। तब से लेकर अब तक केवल चार महिलाओं को ही यहां की जनता ने विधानसभा भेजा है।