Highlights
- 2017 में BJP से नीलम करवरिया बनीं विधायक
- नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था
- मेजा की जनता इस बार किसको जीताएगी?
प्रयागराज मेजा विधानसभा में कभी रेवती रमण सिंह का सिक्का चलता था। मेजा विधानसभा पहले करछना विधानसभा क्षेत्र में ही शामिल था, लेकिन परिसीमन के बाद रमण सिंह का प्रभाव खत्म हो गया। पुनर्गठन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में सबसे पहले मेजा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (SP) के गामा पांडेय जीते थे। 2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। अब मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है? उनका मन टटोलने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मेजा पहुंचकर लोगों से चर्चा की। इस दौरान ने यहां की जनता ने शिकायत की कि विधायक नीलम उनके बीच नहीं आतीं। साथ ही कुछ युवाओं की शिकायत थी कि स्कूलों की जांच-पड़ताल नहीं होती, शिक्षक मोटा पैसा पाते हैं लेकिन बच्चों को ढ़ंग से शिक्षा नहीं देते। हालांकि रोड और बिजली की व्यवस्था से जनता संतुष्ट नज़र आई। मेजा विधानसभा में पांचवे चरण में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।
कौन हैं नीलम करवरिया?
मेजा विधानसभा सीट से विधायक नीलम करवरिया 1996 में हुई सपा विधायक जवाहर पंडित की हत्या मामले में, जेल में बंद उदयभान करवरिया की पत्नी हैं। करवरिया भाई जवाहर पंडित की हत्या के आरोप में जेल चले गए तो सियासत पर परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए नीलम करवरिया सियासत में आ गईं। नीलम मेजा विधानसभा सीट से पहली महिला विधायक भी हैं।
मेजा विधायक नीलम के पति उदयभान करवरिया दो बार ‘बारा’ सीट से विधायक रहे, जबकि उनके बड़े भाई कपिल मुनि करवरिया फूलपुर से सांसद रहे। उदयभान के छोटे भाई सूरजभान करवरिया इलाहाबाद-कौशांबी परिक्षेत्र से MLC रहे हैं।