सीतापुर (उप्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गरीबों के लिए चलाई जा रही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। मोदी ने गरीबों से अपना रिश्ता जोड़ते हुए कहा, ''मैंने गरीबी के भाषण नहीं सुने, मैं गरीबी जीकर आया हूं। गरीब की जिंदगी क्या होती है, उससे गुजरकर आपके बीच पहुंचा हूं।'' सीतापुर की चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री ने गरीबों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं और किसानों के साथ ही हर वर्ग के लिए चलाई गई योजनाओं की चर्चा की। साथ ही कहा कि गरीब के घर में मां अगर बीमार होती है तो सालों साल तक दर्द सहती है लेकिन घर में किसी को बताती नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बच्चे डॉक्टर के यहां ले जाएं और ऑपरेशन को कहें तो मां कहती कि ऑपरेशन नहीं कराना है। मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं कि मां ऑपरेशन से डरती है, वह सोचती है कि कहीं बच्चे कर्ज लेकर ऑपरेशन करवाएंगे तो उनके सिर पर इतना कर्ज बना रहेगा कि वे जिंदगी नहीं जी पाएंगे, इसलिए मां खुद बीमार रहना पसंद करती थी लेकिन बच्चों के माथे पर कर्ज नहीं आने देती थी। उन्होंने कहा, ''हमने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लाकर हर गरीब परिवार के व्यक्ति के उपचार पर पांच लाख रुपये खर्च आता है तो उसकी जिम्मेदारी उठा ली ताकि कोई गरीब दम नहीं तोड़े। आखिर सरकार किसके लिए होती है? अरे, अमीर तो बीमार हो जाएगा तो उसके लिए दस डॉक्टर कतार में खड़े हो जाएंगे, हवाई जहाज में उठाकर ले जाएंगे, जहां अच्छे अस्पताल होंगे लेकिन गरीब कहां जाएगा।''
उन्होंने कहा कि 'डबल इंजन' की सरकार 'डबल शक्ति' से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए, गरीब को सशक्त करने के लिए काम कर रही है। मोदी ने बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों का आंकड़ा दिया और दावा किया कि 2007 से लेकर 2017 तक के दस साल में इन्होंने दो लाख से भी कम सरकारी नौकरियां प्रदेश के युवाओं को दी थीं जबकि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियां दी हैं।
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''घोर परिवारवादियों की सरकार में नौकरियां किस तरह मिलती थीं, ये मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवान जानते हैं, 2017 से पहले खनन माफिया और भूमाफिया का ही राज चलता था।'' उन्होंने सवाल उठाया, ''माफियावादियों को कभी बाढ़ से जूझते सीतापुर की चिंता हो सकती है क्या? जो लूटने में लगे हैं।'' मोदी ने दावा किया कि योगी सरकार ने इस चुनौती के समाधान के लिए ईमानदार प्रयास किये। उन्होंने दावा किया कि जिन्होंने किसानों पर लाठियां चलाईं, वह किसानों का हित नहीं सोच सकते। उन्होंने कहा कि सीतापुर के किसान कभी नहीं भूल सकते कि कैसे गन्ना बेचने आए किसानों पर मिल के बाहर लाठियां बरसाई गईं।
मोदी ने आरोप लगाया कि इनका (विपक्ष) 'ट्रैक रिकार्ड' गन्ना फैक्ट्रियों को बंद करने का भी रहा है जबकि योगी सरकार नई गन्ना फैक्ट्रियां लगा रही है और पुरानी मिलों की क्षमता भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इथेनॉल के उत्पादन पर भी जोर दे रहे हैं और बेसहारा पशुओं के लिए पशुशालाएं बनवा रहे हैं, कोशिश यह भी है कि पशुओं के गोबर से भी किसानों को अतिरिक्त आय मिलना शुरू हो जाए। मोदी ने कहा कि गरीब, पिछड़े, दलित का सपना था कि उनके पास पक्के घर हों और भाजपा ने पांच साल में उप्र में 34 लाख पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए हैं।
शौचालय का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''गरीब मां-बहनों को खुले में शौच की पीड़ा से मुक्ति चाहिए थी और उनकी पीड़ा के बावजूद शौचालय की सुविधा नहीं मिलती थी। ये मेरी मां का दर्द, गरीब परिवारों का दर्द, गरीबी से आया उसका बेटा ही जान सकता है।'' मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कर उनके जीवन की बहुत बड़ी परेशानी दूर की।
रसोई घर के धुएं की जिंदगी की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना का जिक्र किया और कहा कि आज से सात वर्ष पहले गैस कनेक्शन 'स्टेटस सिंबल' हुआ करता था, मंत्री व सांसद सिफारिश करके गैस कनेक्शन दिलवाते थे लेकिन सिर्फ प्रधानमंत्री बदल गया, सोच बदल गई तो सबको गैस कनेक्शन मिलने लगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं ऐसे राज्य से आता हूं जहां दस साल में सात साल सूखा रहता था, पानी के दर्द को जानता हूं और आज हमने नल से जल बड़ा अभियान चलाया है। सरकार इसकी चिंता कर रही है और हर घर जल अभियान पर यूपी में तेजी से काम किया जा रहा है।''
(इनपुट- एजेंसी)