Highlights
- अब्बास अंसारी ने सुभासपा पार्टी से मऊ सदर सीट के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया
- शपथ पत्र में अब्बास अंसारी ने बताया है कि उनके खिलाफ कुल पांच मुकदमें दर्ज हैं
मऊ (उत्तर प्रदेश): बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी मऊ सदर से इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस सीट से मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी चुनाव मैदान में उतर गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सातवें चरण के लिए अब्बास अंसारी ने सुभासपा पार्टी से मऊ सदर सीट के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया। नामांकन के दौरान शपथ पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने करोड़ों की संपत्ति का जिक्र तो किया ही, इसके साथ 8 अलग-अलग तरह के हथियारों का भी ज़िक्र किया। शपथ पत्र में अब्बास अंसारी ने बताया है कि उनके खिलाफ कुल पांच मुकदमें दर्ज हैं।
मुझमें और मेरे पिता में कोई फर्क नहीं- अब्बास
नामांकन के बाद मऊ विधानसभा में इंडिया टीवी के संवाददाता ने अब्बास अंसारी से खास बातचीत की। बातचीत में अब्बास के घर से हथियार मिलने का मामला उठाया गया तो उन्होंने कहा कि ‘’मेरे घर से जो भी हथियार मिले वो सब लाइसेंसी थे। पुलिस ने राजतनीतिक द्वेश के चलते कार्रवाई की थी। लेकिन ऊपर वाले की मेहरबानी रही है और न्यायपालिका पर हमें भरोसा है। कोर्ट ने मुझे बेल दे दिया।‘’ वहीं जब मुकदमों के बारे में पूछा गया तो अब्बास ने कहा कि ‘’BJP जब हारने लगी तो उसने मुझपर मुकदमें करवाए।‘’मऊ सीट से मुख्तार चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? इस सवाल के जवाब में अब्बास न कहा कि ‘’जो सत्ता में बैठे लोग हैं वो चाहते हैं कि मेरे पिता की हत्या हो जाए। मुझमें और मेरे पिता में कोई फर्क नहीं है। मऊ की जनता मुझे बहुत प्यार करती है।‘’
अब्बास के नामांकन करते ही चर्चा में मऊ सदर सीट
दरअसल पूर्व में जहुराबाद विधानसभा सीट से सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने ही मुख्तार या अब्बास में से किसी एक के मऊ सदर से चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में बता कर सियासी माहौल को गरमा दिया था। जिसके बाद मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने बताया कि अब्बास अंसारी मऊ सदर से नामांकन कर रहे हैं।
नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने कोर्ट से सारी प्रक्रिया पूरी करवाई थी। कोर्ट से 22 सदस्यीय टीम को बांदा जेल जाने की हरी झंडी भी मिल गई थी। सभी की आरटीपीसीआर जांच की जा रही थी। मुख्तार के अलावा बेटे अब्बास का भी सुभासपा से नामांकन पत्र लिया था। सोमवार को अचानक रणनीति बदली और मुख्तार के वकील उनके बेटे के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंच गए। अचानक मुख्तार अंसारी द्वारा सीट बेटे को दिए जाने से चर्चाएं तेज हो गईं।