Highlights
- मायावती ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार प्रदेश में कानून का राज कायम करेगी और प्रदेश से युवाओं का पलायन रोकेगी।
- बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो वह महिलाओं, दलितों और पिछड़ों के लिए कोई भी काम करना भूल जाती है।
- मायावती ने कहा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार के शासनकाल में एक जाति विशेष के विकास के लिए ही काम किया जाता था।
बांदा: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर ‘विकास विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार प्रदेश में कानून का राज कायम करेगी और प्रदेश से युवाओं का पलायन रोकेगी। मायावती ने बांदा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा ‘हम वर्ष 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि लोगों को बीजेपी के जातिवादी संकीर्ण मानसिकता वाले अहंकार पूर्ण और तानाशाही भरे शासन से मुक्ति मिल सके।’
‘कांग्रेस दलित और पिछड़ा विरोधी पार्टी’
बीएसपी अध्यक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी दलितों और पिछड़ों की विरोधी है। जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो वह महिलाओं, दलितों और पिछड़ों के लिए कोई भी काम करना भूल जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांदा और चित्रकूट में डकैतों का राज हुआ करता था जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को नौकरी के लिए दूसरे स्थानों पर पलायन करना पड़ता था और जब 2007 में बीएसपी सत्ता में आई तो उसने यहां से डकैतों का सफाया कर दिया।
‘सपा एक जाति विशेष के काम करती थी’
मायावती ने बीजेपी के साथ-साथ सपा को भी सत्ता से दूर रखने की अपील करते हुए कहा कि पिछली सपा सरकार के शासनकाल में एक जाति विशेष के विकास के लिए ही काम किया जाता था लेकिन बसपा ने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया। उसके बाद जब समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आईं तो उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के किए गए कार्यों को पलट दिया।
‘बीजेपी ने नफरत का माहौल पैदा किया’
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि सभी समुदायों के महापुरुषों को बसपा की सरकार ने हमेशा सम्मान दिया और सत्ता में एक बार फिर आने पर उन्हें समुचित सम्मान देना जारी रखा जाएगा। मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीतियां जातिवाद और पूंजीवाद को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संकीर्ण विचारों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित हैं और इसकी वजह से प्रदेश में धर्म के आधार पर नफरत की भावना और तनाव का माहौल पैदा हुआ है।