नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव के लिए मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों में से 114 आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं, जबकि 12 ने खुद को 'निरक्षर' घोषित किया है। चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूहों उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 102 उम्मीदवार स्नातकोत्तर हैं जबकि पीएचडी करने वाले छह प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों अमरोहा, बरेली, बिजनौर, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, संभल और शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। यह रिपोर्ट दूसरे चरण का चुनाव लड़ने वाले 586 उम्मीदवारों में से 584 उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों के विश्लेषण पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे या तो सही से स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे। विश्लेषण के अनुसार, 12 उम्मीदवार 'निरक्षर', 67 'साक्षर', 12 उम्मीदवारों ने कक्षा पांच और 35 ने कक्षा आठ पास की है, जबकि 58 प्रत्याशियों ने कक्षा 10 और 88 उम्मीदवारों ने कक्षा 12 पास की है।
यूपी के चुनाव में इस बार किन अहम उम्मीदवारों ने पर्चे भरें हैं। यदि इसे मोटे तौर पर देखें तो बीजेपी के प्रमुख चेहरे योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से, केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से, सपा प्रमुख अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव मैदान में हैं। वहीं योगी सरकार की चर्चित मंत्री स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट कट गया है। सुरेंद्र सिंह अब बिहार के नेता मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ मैदान में है, वहीं अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी कई छोटे दलों के साथ समझौता कर बीजेपी को चुनौती दे रही है। इनमें राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ अपना दल कमेरावादी भी शामिल है। बसपा ने कुछ छोटे दलों को जोड़ा जरूर है लेकिन चुनाव अकेले ही लड़ने का ऐलान किया है। इसी तरह कांग्रेस भी अकेले ही खड़ी नजर आ रही है। इसके अलावा एआईएमआईएम भी कुछ दलों के साथ गठबंधन कर मैदान में है।
इनपुट: एजेंसी