अगरतला: त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में 16 फरवरी को मतदान होगा, जिसकी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। वहीं असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर में बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा 2018 की अपनी सीटों की संख्या में सुधार करेगी। 2013 में शून्य सीटों से, भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 36 सीटों पर जीत हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया, जबकि इसके सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने आठ सीटों पर जीत हासिल की।
'भाजपा के सुशासन के कारण त्रिपुरा में शांति कायम'
सरमा और मणिपुर के उनके समकक्ष एन. बीरेन सिंह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ थे, साहा ने नामांकन भरने के आखिरी दिन सोमवार को बोरडोवली विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र जमा किया। असम के मुख्यमंत्री, जिन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार किया था और चुनावी बिगुल बजने के बाद पिछले दो महीनों में तीन बार राज्य का दौरा कर चुके हैं, ने कहा कि पहले लोगों में डर था, लेकिन इस बार भाजपा के सुशासन के कारण त्रिपुरा में शांति कायम है।
'देश में कांग्रेस और सीपीआई-एम का अस्तित्व शून्य'
सरमा ने त्रिपुरा में चुनाव पूर्व कांग्रेस सीपीआई-एम गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा- जब मैंने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा का दौरा किया, तो त्रिपुरा में कई रेड ऑफिस (सीपीआई-एम कार्यालय) थे, लेकिन अब मुझे राज्य में ऐसा कोई रेड ऑफिस नहीं दिखता है। देश में कांग्रेस और सीपीआई-एम का अस्तित्व शून्य है, और शून्य प्लस शून्य शून्य के बराबर है।
'भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करेगी'
उन्होंने कहा कि इस बार भी भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। सरमा ने कहा, लोग माणिक साहा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार के प्रदर्शन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन-समर्थक के आधार पर भाजपा को वोट देंगे। उन्होंने कहा कि वाम शासन के दौरान सरकारी कर्मचारियों को भारी मात्रा में चंदा (वामपंथी दलों को) देना पड़ता था, लेकिन भाजपा के शासन में किसी भी कर्मचारी को पार्टी को चंदा देने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है।
TMC ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची की जारी
वहीं इसी बीच अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने त्रिपुरा विधान सभा चुनाव 2023 के लिए अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा कर दी है।
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