Highlights
- करहल में वोटिंग से पहले एसपी बघेल का बड़ा बयान
- करहल में गुरु का आशीर्वाद अर्जुन को मिलेगा- बघेल
लखनऊ: अगले 16 घंटे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए सबसे मुश्किल भरे हैं। कल सुबह 7 बजे से उत्तर प्रदेश की 59 विधानसभा सीटों पर वोटिंग शुरू होगी लेकिन सबसे बडी टक्कर है करहल में। करहल में अखिलेश के सामने हैं मुलायम सिंह के करीबी रहे एसपी सिंह बघेल। चुनाव से ऐन पहले बघेल ने करहल की लड़ाई को महाभारत की लड़ाई से जोड़ दिया और कहा कि भले ही अश्वत्थामा गुरु द्रोणाार्य के पुत्र थे लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा अर्जुन को मिला।
भाजपा उम्मीदवार एसपी बघेल ने कहा, ''मुलायम सिंह यादव शिष्य और पुत्र के बीच में आए हैं। यह हमारी परंपरा रही है कि द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह भले ही कौरवों की तरफ से लड़े थे लेकिन वो अपने प्रिय शिष्य अर्जुन की जीत की कामना करते थे।''
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने आज सबसे धुआंधार प्रचार कहीं किया तो वो जगह है करहल जहां करीब 50% मतदाता यादव और मुसलमान है, वहां पर भी बीजेपी एक नया प्लान लेकर आई है। योगी आदित्यनाथ आमतौर पर अपने भाषणों में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव का जिक्र बहुत कम ही करते हैं लेकिन करहल में उन्होंने समाजवादी कुनबे के एक-एक सदस्य का नाम गिना दिया।
वहीं, आपको बता दें कि करहल में मुलायम सिंह जब मंच पर खड़े होकर बोल रहे थे तो करीब 10 मिनट बीत चुके थे लेकिन उन्होंने एक बार भी अखिलेश का नाम नहीं लिया था। वो बार-बार भीड़ की तरफ इशारा कर रहे थे और वही बात दोहरा रहे थे इसीलिए मंच पर उनकी बगल में बैठे धर्मेंद्र यादव ने उन्हें कागज में लिखकर कुछ दिया लेकिन मुलायम समझ नहीं पाए तो धर्मेंद्र ने उनके कान में कुछ बुदबुदाया तो मुलायम मुस्कुरा उठे। अब योगी आदित्यनाथ इस पर भी चुटकी ले रहे हैं और कह रहे हैं कि नेताजी को अंदर की बात पता है इसलिए उनके मुंह से अखिलेश का नाम नहीं निकल रहा था।
यूपी की सियासत को करीब से समझने वाले कहते हैं कि करहल सीट से अगर बीजेपी किसी यादव कैंडिडेट को चुनाव में उतारती तो अखिलेश यादव के लिए चिंता की बात नहीं थी लेकिन बीजेपी ने इसीलिए यहां दूसरा प्लान बनाया है। एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारने से करहल ही नहीं, मैनपुरी जिले की 3 और सीटों पर भी समीकरण बदल सकता है इसीलिए पूरा समाजवादी कुनबा यहां मौजूद है। धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप जैसी नई पीढ़ी ही नहीं मुलायम सिंह, शिवपाल और रामगोपाल जैसे नेता करहल में मौजूद हैं।